पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी याद किया
ममता बनर्जी ने एक्स पर लिखा महान कवि और लेखक को मैं श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। रवीन्द्रनाथ टैगोर के जन्मदिन पर ममता बनर्जी ने उनकी कविता को कोट करते हुए लिखा कि जहां मन भय रहित हो और सिर ऊंचा रखा हो; जहाँ ज्ञान मुफ़्त है; जहां दुनिया संकीर्ण घरेलू दीवारों से टुकड़ों में नहीं बंटी है आजादी के उस स्वर्ग में, मेरे पिता, मेरे देश को जागने दो।
रवींद्रनाथ टैगोर का जीवन- परिचय
बता दें कि रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 को कलकत्ता के प्रसिद्ध जोर सांको भवन में हुआ था। उनके पिता देबेन्द्रनाथ टैगोर (देवेन्द्रनाथ ठाकुर) ब्रह्म समाज के नेता थे। टैगोर विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के एकमात्र नोबल पुरस्कार विजेता हैं। रवींद्रनाथ को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। वे एकमात्र कवि हैं, जिसकी दो रचनाएं दो देशों का राष्ट्रगान बनीं। भारत का राष्ट्र-गान जन गण मन और बांग्लादेश का राष्ट्रीय गान आमार सोनार बाँग्ला गुरुदेव की ही रचनाएं हैं। टैगोर ने कई कृतियां लिखीं जिनमें कविताएं, लघु कथाएं और उपन्यास लोकप्रिय हैं। उन्हें 1913 में गीतांजलि के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे इसे हासिल करने वाले पहले गैर-यूरोपीय और पहले गीतकार थे।