स्थानीय पुरोहित लोकनाथ गौड़ ने कहा कि करीब 15 विदेशी तीर्थयात्री यहां पहुंचे हैं। देव घाट पर सभी ने पितरों का पिंडदान किया है। इन लोगों ने सनातन धर्म में विश्वास जताते हुए पिंडदान कर्मकांड किया है। कई लोगों ने अपने माता-पिता, तो कई ने बेटे और पत्नी को लेकर पिंडदान किया। सनातन धर्म में इनका विश्वास बढ़ा है। यही वजह है कि इन लोगों ने पितृपक्ष मेला के दौरान पिंडदान किया है।
नाइजीरिया के विष्णु ने बताया कि पिंडदान करने के लिए वह गया पहुंचे हैं। उनके साथ और भी कई मित्र आए हुए हैं। गया के पिंडदान के बारे में उन्होंने सुना था। ऐसी मान्यता है कि यहां पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और इसी सोच के साथ वह गया पहुंचे हैं। गया में 17 सितंबर से पितृपक्ष मेला आयोजित किया जा रहा है। यह मेला 2 अक्टूबर तक चलेगा। यहां देशभर से लोग अपने पितरों को पिंडदान करने के लिए पहुंच रहे हैं। एक आंकड़े के अनुसार, इस बार यहां पर करीब आठ लाख से ज्यादा लोग पहुंचे हैं।