बता दें कि फाइजर ने ट्रायल के नतीजों को आधिकारिक तौर पर जारी कर दिया है। इस ट्रायल में फाइजर ने 2,268 बच्चों पर अध्ययन किया है। अध्ययन में शामिल बच्चों को तीन सप्ताह के अंतर पर प्रायोगिक औषधि या टीके की कम मात्रा वाली खुराक दी गई। बच्चों को दी जाने वाली प्रत्येक खुराक की मात्रा किशोरों और वयस्कों को दी जा रही खुराक की एक तिहाई थी। वहीं इस अध्ययन में काफी बेहतर परिणाम सामने आए हैं।
खास बात यह है कि फाइजर के इस ट्रायल के नतीजे ऐसे समय में सामने आए हैं जब अमेरिका सहित दुनिया के कई देश बच्चों के टीकाकरण पर विचार कर रहा है। भारत में कोरोना की तीसरी लहर को बच्चों के लिए खतरनाक बताया गया है, ऐसे में भारत सरकार भी बच्चों के टीकाकरण को जल्द शुरू करने की योजना बना रही है। अब उम्मीद है कि अमेरिका में जल्द ही बच्चों का टीकाकरण शुरू हो सकता है। इसके लिए बस कंपनी को नियामक की मंजूरी लेनी होगी।