तेलंगाना की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से 1,74,172 रुपये यानी 80% अधिक है। यह राज्य की मजबूत आर्थिक प्रगति का प्रमाण है।
तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने 19 मार्च 2025 को विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 3.04 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। यह कांग्रेस सरकार का दूसरा पूर्ण बजट है, जिसमें राज्य की आर्थिक मजबूती और विकास की नई राह को रेखांकित किया गया है। तेलंगाना की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से 1.74 लाख रुपये अधिक होने के साथ ही यह बजट राज्य के समृद्ध भविष्य की नींव रखता है।
वित्त मंत्री ने विधानसभा में घोषणा की, "वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मैं कुल 3,04,965 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित कर रहा हूं। इसमें राजस्व व्यय 2,26,982 करोड़ रुपये और पूंजीगत व्यय 36,504 करोड़ रुपये शामिल है।" पिछले साल के 2.91 लाख करोड़ रुपये के बजट की तुलना में यह एक बड़ा कदम है, जो राज्य की विकास योजनाओं को गति देने का संकेत देता है।
विक्रमार्क ने बताया कि 2024-25 में तेलंगाना की प्रति व्यक्ति आय 3,79,751 रुपये रही, जो 9.6% की वृद्धि दर्शाती है। वहीं, देश की प्रति व्यक्ति आय 2,05,579 रुपये रही, जिसमें 8.8% की बढ़ोतरी हुई। उन्होंने कहा, "तेलंगाना की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से 1,74,172 रुपये यानी 80% अधिक है। यह राज्य की मजबूत आर्थिक प्रगति का प्रमाण है।" जीएसडीपी में भी 10.1% की वृद्धि के साथ तेलंगाना का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत 9.9% से बेहतर रहा।
तेलंगाना की अर्थव्यवस्था विविध क्षेत्रों पर टिकी है। वित्त वर्ष 2024-25 में सेवा क्षेत्र ने जीएसवीए में 66.3%, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों ने 17.3%, और औद्योगिक क्षेत्र ने 16.4% का योगदान दिया। वित्त मंत्री ने कहा, "हमारी नीतियां इन क्षेत्रों को मजबूत करने और रोजगार सृजन पर केंद्रित हैं।"
कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। मुफ्त बिजली, रायथु भरोसा योजना, कृषि ऋण माफी और सिंचाई परियोजनाओं ने किसानों का आत्मविश्वास बढ़ाया है। वित्त मंत्री ने कहा, "बागवानी, पशुपालन और जलीय कृषि को बढ़ावा देकर हम किसानों के लिए सतत आय सुनिश्चित कर रहे हैं।"
तेलंगाना में औद्योगिक क्षेत्र 22.5% कार्यबल को रोजगार देता है। विक्रमार्क ने कहा, "चाइना प्लस 1 रणनीति के तहत हम फार्मास्यूटिकल्स, जैव प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रिक वाहन और नवीकरणीय ऊर्जा में तेलंगाना को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।" यह राज्य को औद्योगिक निवेश का हब बनाने की योजना का हिस्सा है।
वित्त मंत्री ने केंद्र सरकार से कर हस्तांतरण में कमी पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, "14वें वित्त आयोग में तेलंगाना को 2.437% हिस्सा मिला, जो 15वें में घटकर 2.102% हो गया। अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों को कम धन देना अनुचित है।" सरकार ने जीएसडीपी को 50% भार देने की नई कर वितरण प्रणाली की वकालत की।
विक्रमार्क ने 'तेलंगाना राइजिंग 2050 विजन' की रूपरेखा पेश की। उन्होंने कहा, "पिछले दशक की चुनौतियों के बाद अब हम विकास की राह पर हैं। हमारा लक्ष्य अगले दशक में 200 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था को पांच गुना बढ़ाकर एक ट्रिलियन डॉलर तक ले जाना है।" यह विजन राज्य को दीर्घकालिक प्रगति की ओर ले जाएगा।