30 करोड़ बीपी की मरीजों को मिलेगा लाभ
भारत में सेंटर फॉर क्रॉनिक डिजीज कंट्रोल (CCDC) की ओर से बताया गया कि एम्स और इंपीरियल कॉलेज के दो साल के अध्ययन के बाद दवा बनाने में सफलता मिली। यह भारतीयों और दक्षिण एशियाई लोगों के ब्लड प्रेशर को लेकर बेहद उपयोगी अध्ययन है। भारत में 30 करोड़ से अधिक लोग रक्तचाप से पीड़ित हैं। चिकित्सक रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए सलाह देते हैं। इस अध्ययन के बाद डॉक्टरों के पास एक रोडमैप होगा। अध्ययन के मुताबिक छह माह में 70 फीसदी पीड़ितों पर एक गोली कारगर रही और उनका ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहा। मात्र तीन फीसदी लोगों में प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिला।देश में 1,981 लोगों पर किया गया प्रयोग
भारत के चार क्षेत्रों में 35 साइटों से आए 1,981 प्रतिभागियों को दवा दी गई। इनमें से अधिकतर पर दवा कारगर रही। इनमें 42 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं, जिनकी औसत आयु 52.1 साल थी। इससे साफ है कि दवा विविध आबादी के लिए उपयुक्त हैं। एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर अंबुज रॉय कहते हैं कि दवा न केवल सुविधाजनक है बल्कि सुरक्षित भी है। इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य के एक प्रमुख बोझ को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।यह भी पढ़ें – 77% भारतीय बच्चे आहार विविधता से वंचित, WHO की नई रिपोर्ट में राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों की हालत चिंताजनक