scriptPatrika Interview: नक्सल समस्या पर छत्तीसगढ़ के CM विष्णुदेव साय से बातचीत, आदिवासियों की सुरक्षा है प्राथमिकता | Patrika Interview: Conversation with Chhattisgarh CM Vishnudev Sai on Naxal problem, safety of tribals is priority | Patrika News
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Patrika Interview: नक्सल समस्या पर छत्तीसगढ़ के CM विष्णुदेव साय से बातचीत, आदिवासियों की सुरक्षा है प्राथमिकता

Patrika Interview: कांकेर की मुठभेड़ और नक्सली गतिविधियों को केंद्र में रखकर पत्रिका की मीना कुमारी ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बातचीत की। बातचीत के मुख्य अंश-

नई दिल्लीApr 20, 2024 / 10:04 am

Shaitan Prajapat

Patrika Interview: छत्तीसगढ़ के बस्तर में लोकसभा के लिए पहले चरण के मतदान के दो दिन पहले कांकेर में नक्सलियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुरक्षा बलों की ऐतिहासिक सफलता करार दिया है। उनका कहना है कि हमारे जवानों ने अराजक तत्वों के कुचक्रों को कुचलकर रख दिया है। यह ऐतिहासिक सफलता है। देश नक्सल समस्या से मुक्ति की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस मुठभेड़ में शामिल सभी जवान और सुरक्षा अधिकारी बधाई के पात्र हैं। कांकेर की मुठभेड़ और नक्सली गतिविधियों को केंद्र में रखकर पत्रिका की मीना कुमारी ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बातचीत की। बातचीत के मुख्य अंश-
सवाल : पहले चरण के मतदान से ऐन पहले सुरक्षा बलों की नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को किस रूप में लेते हैं?
जवाब :
मैं कहना चाहता हूं कि छत्तीसगढ़ के नक्सल मामलों के इतिहास की यह सबसे बड़ी सफलता है। यह बात सभी को पता है कि देश में सक्रिय माओवादी लोकतंत्र में आस्था नहीं रखते और हर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को हिंसात्मक गतिविधियों से प्रभावित करते हैं। चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की साजिश को हमारे जवानों ने विफल किया है। इसके लिए हमारे जवान बधाई के पात्र हैं।
सवाल : चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने से आपका तात्पर्य?
जवाब :
इसमें दो मुख्य बातें हैं। एक यह कि बस्तर में पड़ा हर वोट लोकतंत्र के बारे में नक्सलियों द्वारा गढ़े गए झूठे नैरेटिव व दुष्प्रचार को ध्वस्त करता है। हालत यह है कि माओवादी मतदान करने पर लगाई जाने वाली स्याही लगी अंगुलियों को काट देने का फरमान तक जारी करते हैं। इसके बावजूद हमारे आदिवासी भाई-बहन जम कर वोट करते हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान हमारे विधायक भीमा मंडावी की हत्या कर दी गई थी। दिवंगत विधायक का परिवार फिर भी वोट डालने के लिए कतार में खड़ा था। यह समर्पण है लोकतंत्र के प्रति बस्तर के आदिवासियों का। हम सभी जानते हैं कि आज देश भर में भाजपा के पक्ष में सबसे अधिक संभावना है। छत्तीसगढ़ में भी हम सभी 11 लोकसभा सीटें जीतने के प्रति आश्वस्त हैं। ऐसे में नक्सली किसे नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, यह कहने की आवश्यकता नहीं है।
सवाल : छत्तीसगढ़ जल्द से जल्द नक्सल मुक्त हो, इसके लिए आप क्या कर रहे हैं?
जवाब :
हम नक्सलियों से सदैव अपील करते रहे हैं कि बंदूक छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो जाओ। हम सदैव बातचीत के लिए तैयार हैं पर बात होगी शांति, विकास व समाज के सरोकार की। हमारी सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कई विकास योजनाएं चलाती हैं। हमने ‘नियद नेल्ला नार’ अर्थात आपका अच्छा गांव योजना प्रारंभ की है जिसमें हमारे ‘विकास कैम्प’ के आसपास के गांवों तक हम शासकीय सुविधाओं और योजनाओं को पहुंचा रहे हैं।
सवाल : फिर भी हिंसा की घटनाएं क्यों होती रहती हैं?
जवाब :
यह भी किसी को गलतफहमी न हो कि हम हिंसा को सहन कर लेंगे। हम हर तरह की हिंसा से कड़ाई से निपटेंगे। हम प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप इस समस्या के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध हैं। जैसा कि भारत के गृहमंत्री ने भी कहा है कि हमारी प्राथमिकता बस्तर को नक्सल मुक्त करने की है। हम सब उसी दिशा में काम कर रहे हैं।
सवाल : आज छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की क्या स्थिति है?
जवाब :
कितने जिले इससे प्रभावित है और कितने मुक्त हुए? लगभग सौ दिनों में 63 मुठभेड़ों में 54 नक्सलियों के शव, 77 हथियार और 135 विस्फोटक बरामद किए गए हैं। 304 माओवादियों को गिरफ्तार करने में भी सुरक्षा बलों को सफलता मिली है। 165 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। नक्सल संबंधी कुल 26 प्रकरणों को देश की प्रमुख जांच एजेंसी एनआइए को सौंपा है। गौरतलब है कि विगत 4 माह के दौरान 24 फॉरवर्ड सुरक्षा कैम्पों की स्थापना की गई है। निकट भविष्य में 29 नए बेस कैम्पों की स्थापना प्रस्तावित है।
सवाल : सुरक्षा बलों ने जान पर खेलकर इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया। उधर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसे फर्जी करार दे रहे हैं?
जवाब :
कांग्रेसियों का चरित्र ही है ऐसा है कि वे हर सही काम पर सवाल उठाते हैं। वे सुरक्षा बलों के शौर्य पर सवाल दागते हैं। इस बार वे मुठभेड़ का सबूत मांग रहे हैं या इसे फर्जी करार दे रहे हैं, जो नई बात नहीं है। फिर भी मैं विपक्ष के लोगों से सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि कुछ जगह राजनीति नहीं करनी चाहिए। नक्सल विचारधारा पूरे समाज के लिए घातक है। आदिवासी भाई-बहनों की जान, उनके जंगल और जमीन की रक्षा हम हर कीमत पर करेंगे।

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