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दूसरे दिन भी संसद ठप, अदाणी, मणिपुर और संभल हिंसा मामले में चर्चा पर अड़ा विपक्ष

Parliament Winter Session: इंडिया ब्लॉक समेत अन्य विपक्षी दलों ने अदाणी मामले, मणिपुर और संभल हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर संसद में दूसरे दिन बुधवार को हंगामा किया। इसके चलते लोकसभा में प्रश्नकाल धुलने के साथ दोनों सदन की कार्यवाही ठप हो गई।

नई दिल्लीNov 27, 2024 / 08:21 pm

Ashib Khan

नई दिल्ली। इंडिया ब्लॉक समेत अन्य विपक्षी दलों ने अदाणी मामले, मणिपुर और संभल हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर संसद में दूसरे दिन बुधवार को हंगामा किया। इसके चलते लोकसभा में प्रश्नकाल धुलने के साथ दोनों सदन की कार्यवाही ठप हो गई। विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पिछले 30 साल के इतिहास में इतनी बड़ी संख्या में कभी भी स्थगन प्रस्ताव नहीं मिले हैं। उधर, लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि नियोजित तरीके से गतिरोध पैदा करना ठीक नहीं है।

सभापति के निर्णय का सम्मान हो : धनखड़

दरअसल, अदाणी समूह के खिलाफ अमरीका में भ्रष्टाचार का मामला आने के बाद विपक्ष सरकार पर खासा आक्रमक है। इसके अलावा मणिपुर में लगातार हो रही हिंसा व हाल में उत्तर प्रदेश के संभल में हुए दंगे पर भी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। रणनीति के तहत विपक्ष के अलग-अलग सांसद इन तीनों मुद्दों पर राज्यसभा व लोकसभा में चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव दे रहे हैं। इन प्रस्तावों पर चर्चा की मांग दोनों ही सदनों में खारिज हो रही है, जिसके विरोध में विपक्ष हंगामा कर रहा है। राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि राज्यसभा वरिष्ठ जनों का सदन है। यहां परंपराओं का पालन करना चाहिए। सभापति के निर्णय का सम्मान होना चाहिए, न कि वह मतभेद का कारण बने। उन्होंने कहा कि नोटिस स्वीकार नहीं करने की परिस्थितियों को विस्तार से समझाया भी है। यदि नियम 267 के संदर्भ में इस सदन की यात्रा को देखें तो पिछले 30 वर्षों में, चाहे किसी भी राजनीतिक दल की सरकार रही हो, इस नियम का उपयोग कभी भी एकल अंक से अधिक नहीं हुआ। हर बार की पृष्ठभूमि में एक सामूहिक दृष्टिकोण, दलों के बीच संवाद और सभी पहलुओं पर विचार होता था। इसलिए इन नोटिसों को स्वीकार नहीं किया गया है। उन्होंने सांसदों को विश्वास दिलाया कि इन सभी मुद्दों को नियमों के अनुसार उठाने के लिए अवसर मिलेगा। क्योंकि नियमों में प्रावधान है कि इन मुद्दों को किसी न किसी रूप में प्रस्तावों के माध्यम से उठाया जा सकता है। 

लोकसभा में कांग्रेस सांसद पटल के पास पहुंचे

लोकसभा में बुधवार सुबह 11 बजे प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई, इमरान मसूद, मणिक्कम टैगोर, जोतिमणि समेत कुछ अन्य सदस्य पटल के समीप पहुंच गए। इन्होंने तीनों मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इससे सदन में हंगामे की स्थिति बन गई। ऐसे में महज एक सवाल का जवाब भी पूरा नहीं हो सका। हंगामे के चलते स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों को अपनी-अपनी सीट्स पर जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सांसदों को बोलने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। प्रश्नकाल जरूरी होता है, जिससे सरकार की जवाबदेही तय होती है। इसके बावजूद सांसद नहीं माने और महज 6 मिनट बाद सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

राहुल ने दोहरायी अदाणी की गिरफ्तारी की मांग

नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को भी गौतम अदाणी की गिरफ्तारी की मांग दोहराई है। उन्होंने संसद परिसर में कहा कि अदाणी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्हें छोटे-मोटे आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। अदाणी के आरोपों को खारिज करने के सवाल पर राहुल ने जवाब दिया, ‘आप किस दुनिया में रह रहे हो भाई, क्या आपको लगता है कि अदाणी अमरीका के इस आरोप को मानेंगे।

सरकार का अडियल रवैया-जयराम

इस बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार अदाणी पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है और सरकार के अडियल रवैये के कारण संसद के दोनों सदन स्थगित हुए। कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा कि सरकार अदाणी समूह के बारे में नवीनतम खुलासों पर तत्काल चर्चा के लिए तैयार नहीं है और अपनी बात पर अड़ी हुई है। विपक्ष पूरे अदाणी घोटाले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग कर रहा है।
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