प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “ देश की 75 वर्षों की संसदीय यात्रा इसका एक बार पुनः स्मरण करने के लिए और नए सदन में जाने से पहले उन प्रेरक पलों को, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ी को स्मरण करते हुए आगे बढ़ने का यह अवसर है। हम सब इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं। आज़ादी के पहले यह सदन इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल का स्थान हुआ करता था। आज़ादी के बाद इसे संसद भवन के रूप में पहचान मिली।
यह सही है कि इस इमारत(पुराने संसद भवन) के निर्माण करने का निर्णय विदेश शासकों का था लेकिन यह बात हम न कभी भूल सकते हैं और हम गर्व से कह सकते हैं इस भवन के निर्माण में पसीना मेरे देशवासियों का लगा था, परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था और पैसे भी मेरे देश के लोगों के थे”
जी 20 की सफलता किसी पार्टी या व्यक्ति की नहीं: PM
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा, “ G-20 की सफलता देश के 140 करोड़ नागरिकों की सफलता है। यह भारत की सफलता है, किसी व्यक्ति या पार्टी की नहीं, यह हम सभी के लिए जश्न मनाने का विषय है। ”
इस सदन से विदाई लेना भावुक पल
उन्होंने आगे कहा, “ इस सदन से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है, परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है तो बहुत सारी यादें उसे कुछ पल के लिए झकझोर देती है और हम यह सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो हमारा मन मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है और अनेक यादों से भरा हुआ है। उत्सव-उमंग, खट्टे-मीठे पल, नोक-झोंक इन यादों के साथ जुड़ा है।”