नवरात्रि के चलते दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने मीट की दुकानों को बंद करने का फैसला किया है। मेयर के इस फैसले पर विवाद खड़ा हो गया है और अब लोग सोशल मीडिया पर विरोध जता रहे हैं। दक्षिण दिल्ली नगर निगम के मेयर मुकेश सूर्यन ने कहा कि “नवरात्रि के दौरान, दिल्ली में 99% घर लहसुन और प्याज का भी उपयोग नहीं करते हैं, इसलिए हमने फैसला किया है कि दक्षिण एमसीडी में कोई मांस की दुकान नहीं खुलेगी, फैसला लागू होने के बाद इसका उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। हम भविष्य में इस शर्त के साथ ही लाइसेंस भी जारी करेंगे। हम सभी मांस की दुकानों को सख्ती से बंद कर देंगे। जब मांस नहीं बेचा जाएगा, तो लोग इसे नहीं खाएंगे।”
सोशल मीडिया पर वेज बनाम नॉनवेज की ये लड़ाई धीरे से हिंदू बनाम मुस्लिम की ओर भी बढ़ती जा रही है। एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा है कि ये पागल लोग भारतीय व्यवसायों/आजीविका और भारतीय संस्कृति को धीरे-धीरे और तब तक नष्ट करते रहेंगे जब तक हम श्रीलंका की तरह नहीं बन जाते – यह मीट बैन केवल धर्म के बारे में नहीं है, यह उस ताकत के बारे में है और हर एक पर इसे थोपने की छूट है। यह दिल्ली के 70% को अपराधी बनाने के बारे में है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एसडीएमसी मेयर पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया था, “रमजान के दौरान हम सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच नहीं खाते हैं। मुझे लगता है कि यह ठीक है अगर हम हर गैर-मुस्लिम निवासी या पर्यटक को सार्वजनिक रूप से खाने से प्रतिबंधित करते हैं, खासकर मुस्लिम बहुल इलाकों में। अगर दक्षिण दिल्ली के लिए बहुसंख्यकवाद सही है, तो उसे जम्मू-कश्मीर (जम्मू और कश्मीर) के लिए भी सही होना चाहिए।”
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की भी इस पर प्रतिक्रिया आई है। महुआ मोइत्रा ने नवरात्रि के दौरान दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में मांस की दुकानों पर प्रतिबंध की आज आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट किया, “मैं दक्षिण दिल्ली में रहती हूं। संविधान मुझे अनुमति देता है कि मैं जब चाहूं मीट खा सकती हूं और दुकानदार को अपना व्यापार चलाने की आजादी देता है।”
कांग्रेस के सलमान निजामी ने कहा, “उन्हें दक्षिण दिल्ली में मांस की दुकानों से समस्या है, लेकिन पूर्वोत्तर और गोवा में गुणवत्ता वाले गोमांस का वादा करता है। पाखंड आपका नाम भाजपा है!” सिर्फ इतना ही नहीं, मेयर के इस फैसले पर एक्टर रणवीर शौरी ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “अगर 99% नहीं खाते हैं, तो वे नहीं खरीदेंगे! दुकानें क्यों बंद करें?! मेयरजी क्यों तय करते हैं कि दूसरे लोगों की थाली में क्या रहेगा और क्या नहीं?”
एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने कहा कि “ये हास्यास्पद और असंभव आंकड़े हैं, चलिए शुरू करते हैं।” आपको बता दें, सूर्यन ने पत्र में कहा है कि आम जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, दो अप्रैल से 11 अप्रैल 2022 तक चलने वाले नवरात्रि उत्सव के नौ दिन की अवधि के दौरान मांस की दुकानों को बंद करने के लिए कार्रवाई करने के वास्ते संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए जा सकते हैं।