88 फीसदी एआई जेनरेटेड हैं जवाब : यूनिवर्सिटी
याचिकाकर्ता का कहना है कि उसने 18 मई को ‘वैश्वीकरण की दुनिया में कानून और न्याय’ विषय पर परीक्षा दी थी। पेपर जांचने वाली कमेटी ने उन पर उत्तर पुस्तिका में 88 फीसदी एआई जनरेटेड प्रश्नों का जवाब देने का आरोप लगाकर उसे 25 जून को फेल कर दिया।अपीलकर्ता ने यूनिवर्सिटी से पूछे ये सवाल
अपील करने पर परीक्षा नियंत्रक का फैसला भी उनके खिलाफ आया तो शक्करवार ने हाईकोर्ट का रुख किया। शक्करवार का कहना है कि उन्होंने एआई की मदद नहीं ली लेकिन ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने उनकी बात नहीं सुनी। यूनिवर्सिटी यह भी नहीं बता पाई कि किस नियम के तहत एआई के उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है और कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन कैसे हुआ?यह भी पढ़ें – RG Kar medical college : महिला डॉक्टर की हत्या पूर्व नियोजित, CBI को मिले सुराग, कई लोगों के संलिप्त होने के संकेत