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ONOS Yojana: क्या है ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना जिसे केंद्र सरकार से मिली मंजूरी, किन्हें मिलेगा लाभ?

One Nation One Subscription Scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में एक नई केंद्रीय योजना ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ (ONOS) को मंजूरी दी गई है।

नई दिल्लीNov 26, 2024 / 07:52 pm

Akash Sharma

One Nation One Subscription

One Nation One Subscription Scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में एक नई केंद्रीय योजना ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ (ONOS) को मंजूरी दी गई है। सरकार ने ONOS योजना के लिए 6,000 करोड़ रुपये का बजट (Budget) भी निर्धारित की है। ONOS स्कीम का उद्देश्य देशभर के छात्रों और शोधकर्ताओं की पहुंच दुनिया के तमाम विद्वानों के शोध लेखों और जर्नल प्रकाशनों तक बढ़ाना है। इस योजना में 30 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों से लगभग 13,000 उच्च-प्रभाव वाली ई-पत्रिकाएं (E-Booklet) उपलब्ध कराई जाएंगी। आइए यह योजना के बारे में जानते हैं डिटेल से-

यूजर्स ऐसे ले सकेंगे लाभ

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) की घोषणा के अनुसार सरकार ‘One Nation One Subscription’ ONOS के साल 2025, 2026 और 2027 के तीन वर्षीय क्रियान्वयन पर 6,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। उच्च शिक्षा विभाग के पास इसके लिए एक अलग से पोर्टल ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ होगा, जिसके माध्यम से यूजर्स शोध पत्रिकाओं तक पहुंच सकेंगे। अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) समय-समय पर ONOS योजना के उपयोग का आकलन करेगा और इन संस्थानों से भारतीय लेखकों द्वारा किए गए प्रकाशनों की निगरानी भी करेगा। योजना को पूरी तरह से सरल, यूजर्स के अनुकूल और डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से संचालित किया जाएगा।

किन्हें मिलेगा इस योजना का लाभ?

ONOS योजना का लाभ केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा प्रबंधित सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ केंद्र सरकार के अनुसंधान और विकास संस्थानों को मिलेगा। यूजर्स को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के तहत एक स्वायत्त अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र, सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क (INFLIBNET) की ओर से समन्वित राष्ट्रीय सदस्यता के माध्यम से इस योजना लाभ उठा सकेंगे। इसके बाद इन संस्थानों के छात्र, शिक्षक और शोधकर्ता अंतरराष्ट्रीय शोध लेखों और जर्नल प्रकाशनों का एक क्लिक पर अध्ययन कर सकेंगे। इस लिस्ट में 6,300 से ज्यादा संस्थान शामिल हैं, यानी लगभग 1.8 करोड़ छात्र, शिक्षक और शोधकर्ता ONOS का लाभ उठा सकेंगे।
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