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कैबिनेट के फैसलेः ‘वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन’, दुनियाभर के जर्नल एक ही मंच पर होंगे उपलब्ध, क्यूआर कोड वाला बनेगा नया पैन कार्ड

सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

नई दिल्लीNov 26, 2024 / 10:41 am

Shaitan Prajapat

PM Modi Cabinet Meeting

One Nation One Subscription: केंद्र सरकार ने सोमवार को ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना को मंजूरी दे दी। इस स्कीम में देश के विद्यार्थियों को दुनियाभर के जर्नलों में प्रकाशित होने वाले शोध और आलेख एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे देश के करीब 1.8 करोड़ स्टूडेंट और रिसर्च स्कॉलरों को फायदा होगा। योजना के लिए छह हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह रकम 2025 से 2027 तक उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, स्थाई खाता संख्या यानी पैन को बेहतर बनाने और इसके आंकड़ों की सुरक्षा और पैन से संबंधित शिकायतों के स्थाई समाधान के लिए लोगों को पैन 2.0 जारी करने का निर्णय लिया है। इस पर 1435 करोड़ रूपए का व्यय होगा।
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए। वैष्णव के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख जर्नल प्रकाशित करने वाले 30 प्रकाशकों को ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ में शामिल किया जाएगा। केंद्र व राज्य सरकारें और सरकारी रिसर्च और डवलपमेंट संस्थान इस नए प्लेटफॉर्म का संचालन और प्रबंधन करेंगी। इससे दूसरे-तीसरे टीयर के शहरों में रहने वाले शोधार्थियों को घर बैठे ही दुनिया के टॉप जर्नल उपलब्ध हो जाएंगे और देश में शोध का माहौल बेहतर होगा। इस स्कीम में करीब 13,000 ई-जर्नल तक 6,300 सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों और केंद्रीय शोध संस्थानों की पहुंच हो जाएगी।
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पैन 2.0 के लिए नहीं देना होगा पैसा

वैष्णव के अनुसार, पैन 2.0 परियोजना में मौजूदा पैन को पूरी तरह बदल कर क्यू आर कोड आधारित बनाया जाएगा जो पूरी तरह ऑनलाइन होगा। इसके लिए व्यक्ति को किसी तरह की राशि खर्च नहीं करनी होगी और पूरा खर्च सरकार वहन करेगी। इस प्रक्रिया में व्यक्ति का पैन नंबर नहीं बदलेगा। नए पैन में डेटा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा और शिकायतों के समाधान की प्रक्रिया को भी चाक चौबंद बनाया जाएगा। पैन 2.0 परियोजना निर्दिष्ट सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए सामान्य पहचानकर्ता के रूप में पैन के उपयोग को सक्षम करके डिजिटल इंडिया में निहित सरकार की दृष्टि के अनुरूप है।

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