प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीएम-आरकेवीवाई) और कृषि विकास योजना (केवाई) को 1,01,321.61 करोड़ रुपये के कुल प्रस्तावित व्यय के साथ लागू किया जाएगा। इन योजनाओं को राज्य सरकारों के माध्यम से लागू किया जाता है।
मिशन मोड में आई किसानों की योजना
यह अभ्यास सुनिश्चित करता है कि सभी मौजूदा योजनाएं जारी रखी जा रही हैं। जहाँ भी किसानों के कल्याण के लिए किसी क्षेत्र को बढ़ावा देना आवश्यक समझा गया, वहाँ योजना को मिशन मोड में लिया गया है, उदाहरण के लिए खाद्य तेल-तेल पाम के लिए राष्ट्रीय मिशन, स्वच्छ पौधा कार्यक्रम, डिजिटल कृषि और खाद्य तेल-तिलहन के लिए राष्ट्रीय मिशन। केवाई के तहत एक घटक, पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट (एमओवीसीडीएनईआर) योजना को एमओवीसीडीएनईआर- विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (एमओवीसीडीएनईआर-डीपीआर) नामक एक अतिरिक्त घटक जोड़कर संशोधित किया जा रहा है, जो पूर्वोत्तर राज्यों को महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने के लिए लचीलापन प्रदान करेगा।
योजनाओं के युक्तिकरण द्वारा, राज्यों को समग्र रूप से राज्य के कृषि क्षेत्र पर एक व्यापक रणनीतिक दस्तावेज तैयार करने का अवसर दिया जाता है। रणनीतिक दस्तावेज न केवल फसलों के उत्पादन और उत्पादकता पर ध्यान केंद्रित करता है, बल्कि जलवायु लचीली कृषि और कृषि वस्तुओं के लिए मूल्य श्रृंखला दृष्टिकोण के विकास के उभरते मुद्दों से भी निपटता है। इन योजनाओं की परिकल्पना समग्र रणनीति और योजनाओं/कार्यक्रमों को स्पष्ट करने के लिए की गई है, जो रणनीतिक ढांचे से निकलने वाले उद्देश्यों से जुड़ी हैं।
विभिन्न योजनाओं को युक्तिसंगत बनाने का कार्य
- दोहराव से बचना, अभिसरण सुनिश्चित करना तथा राज्यों को लचीलापन प्रदान करना।
- कृषि की उभरती चुनौतियों – पोषण सुरक्षा, स्थिरता, जलवायु लचीलापन, मूल्य श्रृंखला विकास और निजी क्षेत्र की भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करना।
- राज्य सरकारें कृषि क्षेत्र के लिए अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप एक व्यापक रणनीतिक योजना तैयार करने में सक्षम होंगी।
- राज्यों की वार्षिक कार्य योजना (एएपी) को व्यक्तिगत योजना-वार एएपी को मंजूरी देने के बजाय एक बार में ही मंजूरी दी जा सकती है।
1,01,321.61 करोड़ रुपये के कुल प्रस्तावित व्यय में से डीएएंडएफडब्ल्यू के केंद्रीय हिस्से के लिए अनुमानित व्यय 69,088.98 करोड़ रुपये और राज्यों का हिस्सा 32,232.63 करोड़ रुपये है। इसमें आरकेवीवाई के लिए 57,074.72 करोड़ रुपये और केवाई के लिए 44,246.89 करोड़ रुपये शामिल हैं। पीएम-आरकेवीवाई में निम्नलिखित योजनाएं शामिल हैं: