इसके साथ ही आईएमए ने केंद्र सरकार से स्वास्थ्यकर्मियों (Health Workers), अग्रिम मोर्चा कर्मियों और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) वाले व्यक्तियों के लिए कोविड-रोधी टीके की बूस्टर डोज ( Booster Dose ) देने की घोषणा करने का अनुरोध किया है।
यह भी पढ़ेँः Omicron Variant: महाराष्ट्र में बढ़ सकती है मुश्किल, विदेश से मुंबई लौटे 295 यात्रियों में 100 से ज्यादा लापता IMA के मुताबिक देश के प्रमुख राज्यों में वायरस के नए वैरिएंट के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कुछ राज्यों में आंकड़ा दोहरे अंक तक पहुंच चुका है और इसमें आगे भी बढ़ोतरी होने के आसार हैं क्योंकि कई रिपोर्ट्स आना अभी बाकी है।
इस बीच आईएमए ने दावा किया है कि उपलब्ध वैज्ञानिक साक्ष्यों और इसकी उत्पत्ति वाले देशों से जुड़े अनुभव से पता चलता है कि ओमिक्रॉन अधिक तेजी से फैलता है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को चपेट में ले सकता है।
IMA ने यह भी मांग की है कि सरकार 12-18 आयुवर्ग के टीकाकरण प्रस्ताव पर तेजी से विचार करे।
IMA ने यह भी मांग की है कि सरकार 12-18 आयुवर्ग के टीकाकरण प्रस्ताव पर तेजी से विचार करे।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा, ‘ऐसे समय में जब भारत सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहा है, ये बड़ा झटका साबित हो सकता है। समय रहते पर्याप्त उपाय नहीं किए गए तो हमें महामारी की भयंकर तीसरी लहर का सामना करना पड़ सकता है। आईएमए ने सरकार को आगाह किया है कि वे स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चा कर्मियों और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों के लिए वैक्सीन की बूस्टर डोज देने की घोषणा जल्द करे।
बूस्टर डोज पर अब भी हो रहा विचार
दरअसल बूस्टर डोज को लेकर सरकार की ओर से अब तक मंथन जारी है। सोमवार को भी राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) की बैठक आयोजित की गई थी, हालांकि इस बैठक में भी बूस्टर डोज दिए जाने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ।
दरअसल बूस्टर डोज को लेकर सरकार की ओर से अब तक मंथन जारी है। सोमवार को भी राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) की बैठक आयोजित की गई थी, हालांकि इस बैठक में भी बूस्टर डोज दिए जाने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ।
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NTGI ने ओमिक्रॉन से जुड़े आंकड़ों का आकलन किया है, जो बताता है कि देश में कोरोना के संक्रमण का खतरा काफी ज्यादा है। ऐसे में जानकारों की मानें तो सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को बूस्टर डोज दिया जाना चाहिए।
एनटीएजीआई के अधिकारी के मुताबिक इस मुद्दे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) के दिशा-निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद ही बूस्टर डोज को लेकर कोई निर्णय लिया जाएगा।
NTGI ने ओमिक्रॉन से जुड़े आंकड़ों का आकलन किया है, जो बताता है कि देश में कोरोना के संक्रमण का खतरा काफी ज्यादा है। ऐसे में जानकारों की मानें तो सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को बूस्टर डोज दिया जाना चाहिए।
एनटीएजीआई के अधिकारी के मुताबिक इस मुद्दे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) के दिशा-निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद ही बूस्टर डोज को लेकर कोई निर्णय लिया जाएगा।