कोरोना से जंग में वैक्सीनेशन को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है, लेकिन नए वैरिएंट के बाद वैक्सीन कंपनियों ने इस वैरिएंट के खिलाफ अपने टीके की प्रभावशीलता को लेकर शक जताया है। वहीं इंडियन काउंसलिंग ऑफ मेडिकल रिसर्च ( ICMR ) के मुताबिक देसी टीका यानी कोवैक्सीन इस वैरिएंट से निपटने में ज्यादा असरदार साबित हो सकता है।
यह भी पढ़ेँः Omicron Variant: भारत में ओमिक्रॉन के दो मामले, संपर्क में आने वाले 5 संक्रमित, आज सीएम बोमई ने बुलाई हाई लेवल मीटिंग इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के एक्सपर्ट्स ने भरोसा जताया है कि, भारत बायोटेक का देसी टीका कोवैक्सीन कोरोना के नए वैरिएंट से जंग में ज्यादा कारगर साबित हो सकता है।
अधिकारियों का कहना है कि भारत बायोटेक की कोवैक्सिन कोविड के इस परिष्कृत रूप से निपटने में ज्यादा प्रभावी हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि Covaxin के डोज बाकी मौजूदा वैक्सीन के मुकाबले ज्यादा प्रभावी हो सकते हैं।
इस वजह से ज्यादा असरदार
आईसीएमआर के अधिकारी के मुताबिक भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन इनएक्टिवेटेड वायरस की तकनीक पर बनाया गया टीका है। ये टीका पूरे वायरस को ही निष्क्रिय कर देता है और यह नए वैरिएंट पर भी प्रभावी पाया जा सकता है।
आईसीएमआर के अधिकारी के मुताबिक भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन इनएक्टिवेटेड वायरस की तकनीक पर बनाया गया टीका है। ये टीका पूरे वायरस को ही निष्क्रिय कर देता है और यह नए वैरिएंट पर भी प्रभावी पाया जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अधिकारी ने बताया कि कोवैक्सीन इससे पहले भी कोरोना वायरस के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा जैसे वैरिएंट्स के खिलाफ प्रभावकारी साबित हुआ है। बूस्टर डोज की मंजूरी का इंतजार
ओमिक्रॉन वैरिएंट आने के बाद से ही लगातार इससे बचाव को लेकर देशभर में कोशिशें शुरू हो गई हैं। वहीं कोरोना की वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अब सरकार से बूस्टर डोज की मांग कर रही है। हाल में पुणे स्थिति सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने भी डीसीजीआई से कोविशील्ड के बूस्टर डोज लगाए जाने की अनुमति मांगी है।
ओमिक्रॉन वैरिएंट आने के बाद से ही लगातार इससे बचाव को लेकर देशभर में कोशिशें शुरू हो गई हैं। वहीं कोरोना की वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अब सरकार से बूस्टर डोज की मांग कर रही है। हाल में पुणे स्थिति सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने भी डीसीजीआई से कोविशील्ड के बूस्टर डोज लगाए जाने की अनुमति मांगी है।
ऐसे माना जा रहा है कि इस वैरिएंट से बचाव के लिए बूस्टर डोज लगाया जाना चाहिए। हालांकि सरकार लगातार बैठकों के जरिए इसको लेकर विचार कर रही है। वहीं इस बीच बचाव के लिए कुछ पाबंदियां लागू कर दी गई हैं। अंतरराष्ट्रीय विमानों पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। इसके अलावा टेस्टिंग और वैक्सीनेशन को भी बढ़ाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। राज्य सरकारें आरटी-पीसीआर टेस्टिंग पर जोर दे रही हैं। वहीं विदेशों से आने वाले यात्रियों को कड़ी नजर रखने के भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
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Covaxin भारत में ही निर्मित देसी कोरोना का देसी टीका है. इसका निर्माण भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ( NIV ) के साथ मिलकर किया है।
एनआईवी ने संक्रमित लेकिन बिना लक्षण वाले व्यक्ति से ली गई कोरोनावायरस की एक स्ट्रेन को अलग कर लिया और इसे भारत बायोटेक को मई 2020 को सौंप दिया था।
Covaxin भारत में ही निर्मित देसी कोरोना का देसी टीका है. इसका निर्माण भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ( NIV ) के साथ मिलकर किया है।
एनआईवी ने संक्रमित लेकिन बिना लक्षण वाले व्यक्ति से ली गई कोरोनावायरस की एक स्ट्रेन को अलग कर लिया और इसे भारत बायोटेक को मई 2020 को सौंप दिया था।
इसके बाद कंपनी ने इस स्ट्रेन पर रिसर्च करने के बाद असक्रिय वायरस की तकनीक पर वैक्सीन बनाने की कोशिशें शुरू कीं।