ओडिशा हाईकोर्ट के जमानत मिलने के बाद पीडि़ता ने भुवनेश्वर के पुलिस थाने में उसके साथ हुई अभद्रता का खुलासा किया है। पीडि़ता ने बताया कि वह अपने मंगेतर के साथ 15 सितंबर की रात रेस्टोंरेंट बंद करने के बाद घर जा रही थी। रास्ते मे कुछ लोगों ने उनका रास्ता रोककर मारपीट की कोशिश की। वह पुलिस से मदद लेने के लिए भरतपुर पुलिस स्टेशन पहुंची तो वहां सिर्फ एक महिला पुलिसकर्मी मौजूद थी।
उन्होंने एफआइआर दर्ज करने और आरोपियों के पीछे पुलिस टीम भेजने की मांग की तो महिला पुलिसकर्मी ने उसके साथ बदतमीजी की और गालियां भी दी। इस पर मैंने बताया कि मैं एक वकील हूं और आप एफआइआर लिखें। इस दौरान कई पुलिसकर्मी आ गए और मेरे मंगेतर को जेल में डाल दिया। मैंने कहा कि आप एक सैन्य अधिकारी को जेल में नहीं डाल सकते।
इतने पर दो महिला पुलिसकर्मियों ने मेरे बाल पकड़कर मेरे साथ मारपीट करनी शुरू कर दी। एक महिला पुलिसकर्मी ने मेरा गला दबाने की कोशिश की तो मैंने बचाव में उनके हाथ में काट लिया। इसके बाद मुझे एक कमरे में बंद कर दिया। कुछ देर बाद एक वरिष्ठ अधिकारी ने मेरी पैंट उतार कर मुझे रेप की धमकी दी।