क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में अफगानिस्तान के घटनाक्रम, अफगान की धरती से आतंकवाद के संभावित खतरे और युद्ध से जर्जर देश में मानवीय संकट पर चर्चा की गई। आठ देशों के NSA ने जहां अफगानिस्तान के हालातों पर चिंता जताई वहीं अजीत डोभाल ने अफगानों की मदद में सहयोग देने की बात कही।
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केंद्रीय मंत्रिमंडल की अहम बैठक, कोरोना और अर्थव्यवस्था की चुनौतियों सहित कई मुद्दों पर चर्चा इन देशों के NSA शामिलNSA की इस बैठक में भारत के अलावा उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, रूस, ईरान, कजाख्स्तान, किर्गिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए।
एनएसए अजीत डोभाल ने कहा, हम सब अफगानिस्तान से संबंधित मुद्दों पर बात करने के लिए इकट्ठा हुए हैं। इस बैठक की मेजबानी करना भारत के लिए सौभाग्य की बात है। हम सब अफगानिस्तान में हो रही घटनाओं को गौर से देख रहे हैं।
ये सिर्फ अफगानिस्तान के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि उसके पड़ोसी देशों और क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं। उन्होंने कहा कि भारत अफगानों की मदद में सहयोग देंगे।
उन्होंने आगे कहा- ‘मुझे विश्वास है कि हमारे विचार-विमर्श प्रोडक्टिव व उपयोगी होंगे और अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने और हमारी सामूहिक सुरक्षा बढ़ाने में योगदान देंगे। यह हमारे बीच घनिष्ठ परामर्श, क्षेत्रीय देशों के बीच ज्यादा सहयोग और बातचीत का समय है।’
ताजिकिस्तान ने जताई ड्रग्स तस्करी और आतंकवाद पर चिंता
ताजिकिस्तान सुरक्षा परिषद के सचिव ने कहा, ताजिक-अफगान सीमाओं पर हालात चिंताजनक बने हुए हैं। अफगानिस्तान के साथ हमारी सीमा की लंबाई ज्यादा है, ऐसे में मौजूदा स्थिति में मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद का खतरा भी ज्यादा बढ़ गया है।
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Crusie Drug Case नवाब मलिक का आरोप, फडणवीस के इशारे पर हुई महाराष्ट्र में उगाही, नकली नोटों के धंधे से भी कनेक्शन कजाकिस्तानः अफगानिस्तान को मदद की जरूरतकजाकिस्तान राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के अध्यक्ष करीम मासीमोव ने कहा, हम अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित हैं। अफगानों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है। देश सबसे बड़े मानवीय संकट का सामना कर रहा है। अफगानिस्तान को इस समय मदद की जरूरत है।
ईरान ने जताई अफगान को लेकर हल निकलने की उम्मीद
ईरान राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव, रियर एडमिरल अली शामखानी ने कहा कि अफगानिस्तान में पलायन की समस्या विकट है, जिसका समाधान एक समावेशी सरकार के गठन और सभी जातीय समूहों की भागीदारी के साथ आ सकता है। उम्मीद है कि इस समस्या को हल करने के लिए एक तंत्र बनेगा।