राष्ट्रीय

NPS Rules Change: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ा अपडेट, बदल चुके हैं NPS से जुड़े कंट्रीब्यूशन के नियम

NPS rules Change: केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में अंशदान के नियम बदल दिए हैं।

नई दिल्लीOct 12, 2024 / 01:08 pm

Shaitan Prajapat

NPS Rules Change: केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में अंशदान के नियम बदल दिए हैं। सरकार ने एनपीएस में कंट्रीब्यूशन के लिए नए गाइडलाइंस जारी किए हैं। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले पेंशन एंड पेंशनर्स डिपार्टमेंट ने एक ऑफिस मेमोरेंडम शेयर किया है, जिसमें कर्मचारियों के एनपीएस कंट्रीब्यूशन से संबंधित नियमों में बदलाव के बारे में जानकारी दी गई है। गाइडलाइंस में कुछ मौजूदा प्रोविजन को दोहराया गया है, जिसमें मंथली सैलरी से 10 प्रतिशत योगदान की जरूरत शामिल है। इस योगदान की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी।

एनपीएस योगदान में ये हुए बदलाव…

सस्पेंड होने पर: अगर कोई कर्मचारी सस्पेंड होता है तो उसके पास एनपीएस अंशदान को जारी रखने का विकल्प मिलेगा। सस्पेंशन हटने के बाद वह फिर से सर्विस में आता है तो उस समय के वेतन के आधार पर योगदान की फिर से गणना की जाएगी।
प्रोवेशन के दौरान: नई गाइडलाइन के अनुसार, प्रोवेशन पीरिएड वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए भी एनपीएस में कंट्रीब्यूशनअनिवार्य है, ताकि उनकी पेंशन सेविंग्स जल्द से जल्द शुरू हो सके।
यह भी पढ़ें

Free Ration: अब 2028 तक मिलेगा फ्री राशन, क्या है PMGKAY स्कीम, कैसे और किसे मिलता है इसका लाभ, जानिए इसके बारे में सब कुछ



अवैतनिक अवकाश: जो कर्मचारी अनुपस्थित हैं या अवैतनिक अवकाश पर हैं, उन्हें अंशदान करने की आवश्यकता नहीं होगी। अन्य विभागों या अन्य संगठनों में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारियों को भी एनपीएस में योगदान देना होगा, यदि उनका ट्रांसफर नहीं हुआ है।
गलती होने पर: गाइडलाइन में साफ किया गया है कि अगर कंट्रीब्यूशन में कोई गलती होती है तो उसे ब्याज सहित लाभार्थी के पेंशन अकाउंट में जमा कर दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें

यह भी पढ़ें
टाटा को मिला नया चेयरमैन, अब ये संभालेंगे पूरी विरासत


रिटर्न देने में एनपीएस ने म्यूचुअल फंड्स को पछाड़ा

इक्विटी स्कीम

अवधि एनपीएस-ई (टियर 1) लार्जकैप फंड्स फ्लेक्सीकैप
5 साल 19.6 प्रतिशत 18.7 प्रतिशत 22.6 प्रतिशत
10 साल 13.9 प्रतिशत 14.8 प्रतिशत 15.9 प्रतिशत
(सालाना औसत रिटर्न)

कॉरपोरेट बॉन्ड स्कीम

अवधि एनपीएस-सी (टियर 1) बैंकिंग-पीएसयू फंड कॉरपोरेट बॉन्ड फंड
5 साल 7.6 प्रतिशत 6.4 प्रतिशत 6.5 प्रतिशत
10 साल 8.8 प्रतिशत 7.2 प्रतिशत 7.3 प्रतिशत
15 साल 9.4 प्रतिशत 6.9 प्रतिशत 7.4 प्रतिशत
(सालाना औसत रिटर्न)

जी-सेक स्कीम

अवधि एनपीएस-जी (टियर 1) गिल्ट फंड्स
5 साल 7.7 प्रतिशत 6.5 प्रतिशत
10 साल 9.2 प्रतिशत 7.9 प्रतिशत
15 साल 8.8 प्रतिशत 7.5 प्रतिशत
(सालाना औसत रिटर्न)

एनपीएस में निवेश के दो विकल्प

एक्टिव चॉइस: इस फंड में निवेशक 50 वर्ष की आयु तक अपने योगदान में से अधिकतम 75 प्रतिशत इक्विटी में निवेश कर सकता है। शेष 25 प्रतिशत हिस्सा सरकारी प्रतिभूतियों, कॉरपोरेट बॉन्ड और वैकल्पिक निवेश फंड में आवंटित करना होता है। इसके बाद 60 वर्ष की आयु में इक्विटी आवंटन 50 प्रतिशत रह जाता है।
ऑटो चॉइस: इसे लाइफ साइकल फंड भी कहते हैं। इनमें निवेशकों को तीन विकल्प मिलते हैं, जिनमें 35 वर्ष की आयु तक जोखिम के आधार पर इक्विटी में निवेश होता है। कंजर्वेटिव फंड में 25 प्रतिशत इक्विटी में होता है। वहीं मॉडरेट फंड में 50 प्रतिशत इक्विटी में निवेश और एग्रेसिव फंड में इक्विटी में आवंटन 75 प्रतिशत होता है।

Hindi News / National News / NPS Rules Change: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ा अपडेट, बदल चुके हैं NPS से जुड़े कंट्रीब्यूशन के नियम

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.