राष्ट्रीय

पुलिस ड्यूटी अब जर्मन शेफर्ड और लेब्राडोर नहीं, देशी ‘शेरू’ संभालेंगे

Indian breed dogs: सीएपीएफ में अभी 4,000 श्वान सेवाएं दे रहे हैं। अब देशी श्वानों रामपुर हाउंड, हिमाचली शेफर्ड, गद्दी, बखरवाल और तिब्बती मास्टिफ जैसे भारतीय नस्लों को पुलिस की मदद में लगाए जाएंगे।

Oct 24, 2023 / 08:40 am

Prashant Tiwari


पुलिस महकमे में जर्मन शेफर्ड और लेब्राडोर जैसे विदेशी नस्ल के श्वान ड्यूटी पर तैनात किए जाते रहे हैं। अब देशी नस्ल के श्वानों को यह जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी चल रही है। रामपुर हाउंड, हिमाचली शेफर्ड, गद्दी, बखरवाल और तिब्बती मास्टिफ जैसे भारतीय नस्ल के श्वान जल्द जोखिम वाले क्षेत्रों में गश्त के अलावा संदिग्धों, नशीले पदार्थों और विस्फोटकों की पहचान करने जैसे कामों में पुलिस की मदद के लिए तैनात किए जाएंगे।

पुलिस ड्यूटी में तैनात सभी श्वान विदेशी नस्ल के

अधिकृत सूत्रों के मुताबिक सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में पुलिस ड्यूटी के लिए रामपुर हाउंड नस्ल के कुछ श्वानों का परीक्षण जारी है। बखरवाल, तिब्बती मास्टिफ और हिमालयी श्वानों के परीक्षण का भी आदेश जारी किया गया है। इस समय पुलिस ड्यूटी में तैनात करीब सभी श्वान जर्मन शेफर्ड, लेब्राडोर, बेल्जियम मैलिनोइस और कॉकर स्पैनियल जैसी विदेशी नस्लों के हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सशस्त्र सीमा बल और भारत तिब्बत सीमा पुलिस ने भारतीय नस्ल के श्वान मुधोल हाउंड को पुलिस ड्यूटी में तैनात करने का परीक्षण पहले ही पूरा कर लिया है।

 

गश्त के अलावा कई कामों की जिम्मेदारी

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के मुताबिक श्वानों को गश्त और अन्य कार्यों के अलावा आइईडी, बारूदी सुरंगों जैसे विस्फोटक, नशीले पदार्थ और नकली मुद्रा का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। आतंकियों के खिलाफ तलाशी अभियान में भी इनका इस्तेमाल किया जाता है। इस समय करीब 4,000 श्वान सीएपीएफ में सेवाएं दे रहे हैं। सीएपीएफ से दूसरे बल इन्हें किराए पर लेते हैं।

zerman.jpg

 

सबसे ज्यादा इस्तेमाल सीआरपीएफ में

सबसे ज्यादा करीब 1500 श्वानों का इस्तेमाल सीआरपीएफ करता है। सीआइएसएफ करीब 700 श्वानों की सेवाएं ले रहा है। आतंकवाद विरोधी बल राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के पास करीब 100 श्वान हैं। गृह मंत्रालय ने 2019 में पुलिस आधुनिकीकरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में श्वानों के प्रजनन, प्रशिक्षण और चयन को सुव्यवस्थित करने के मकसद से के-9 दस्ते की शुरुआत की थी।

ये भी पढ़ें:  भारत में सांस पर संकट: दिल्ली से इंदौर, रायपुर और भरतपुर में हवा हुई प्रदूषित, सांस लेना हो रहा मुश्किल

Hindi News / National News / पुलिस ड्यूटी अब जर्मन शेफर्ड और लेब्राडोर नहीं, देशी ‘शेरू’ संभालेंगे

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.