दोनों परीक्षाओं में बैठना अनिवार्य नहीं
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों लिए साल में 2 बार बोर्ड परीक्षा देना अनिवार्य नहीं होगा। इस सिस्टम का मेन उद्देश्य छात्रों का तनाव कम करना है। जो छात्र साल में एक ही मौका मिलने वाले अवसर से चूक जाते हैं यह उनके एक मौका है। अगर कोई छात्र परीक्षा के एक सेट में मिले अंको से संतुष्ट है, तो वह अगली परीक्षा में शामिल न होने का विकल्प का चुनाव कर सकता है।
ऐसे बनेगी मेरिट लिस्ट
शिक्षा मंत्रालय सूत्रों के अनुसार, साल 2024-25 की बोर्ड परीक्षा में से पहली बोर्ड परीक्षा नवंबर-दिसंबर 2024 के महीने में आयोजित की जा सकती है। वहीं दूसरी बोर्ड परीक्षा का आयोजन फरवरी-मार्च 2025 में किया जा सकता है। यदि कोई छात्र दोनों परीक्षा में बैठता है, तब ऐसे में दोनों परीक्षाओं में से जिसमें छात्र को अधिक अंक मिलेंगे, उसी के आधार पर छात्र का फाइनल रिजल्ट घोषित किया जाएगा। मेरिट लिस्ट के लिए उन्हीं अंको को शामिल किया जाएगा।