इस निर्णय के पीछें क्या है सरकार का मकसद
इसमें यह भी प्रावधान किया है आठवीं कक्षा तक के स्कूलों से बच्चों को निष्कासित नहीं किया जाए। उन्होंने आगे कहा, “हम चाहते हैं कि हर एक बच्चे के अंदर सीखने की इच्छा बढ़े और इसको प्रयास में लाने के लिए उन बच्चों पर ध्यान दिया जाएगा, जो पढ़ाई में किसी कारणवश अच्छे नहीं है। इसलिए उन पर विशेष ध्यान दिया जा सकेगा। रूल में बदलाव आने के बाद यह संभव हो पाएगा और बच्चों में सीखने की लगन बढ़ेगी।” ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ खत्म होने के बाद कक्षा 5 और 8 की वार्षिक परीक्षा में असफल छात्रों को फेल किया जाएगा। फेल छात्रों को दो महीने के भीतर पुन: परीक्षा का अवसर मिलेगा और इसमें भी फेल होने पर उन्हें अगली कक्षा में प्रोन्नत नहीं किया जाएगा। किसी भी छात्र को स्कूल से नहीं निकाला जाएगा।
दो महीने में दोबारा देना होगा एग्जाम
अब 5वीं और 8वीं कक्षा में फेल होने वाले छात्रों को रिजल्ट आने के दो महीने के अंदर दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा। लेकिन अगर वे दोबारा इस एग्जाम में फेल हो जाते हैं, तो उन्हें प्रमोट नहीं किया जाएगा। हालांकि ऐसे में कोई भी स्कूल 8वीं कक्षा तक किसी भी छात्र को बाहर नहीं कर सकता है।