दरअसल बिहार में बदले सियासी समीकरण और नई सरकार के गठन के बाद राजद सुप्रीमो लालू यादव पहली बार पटना पहुंच रहे हैं। माना जा रहा है कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात भी करेंगे। एनडीए का साथ छोड़कर राजद, कांग्रेस, लेफ्ट और हम के समर्थन से सरकार बनाने वाले जदयू नेता नीतीश कुमार सरकार गठन के बाद पहली बार लालू से मिलेंगे।
इधर बिहार की राजनीति के अंदरखाने से मिल रही जानकारी के अनुसार बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाने में लालू यादव की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण और निर्णायक रही है। तेजस्वी यादव ने दिल्ली में मुलाकात के दौरान लालू यादव से शपथग्रहण में शामिल होने का अनुरोध किया था। उन्होंने समारोह में शामिल होने पर सहमति दी थी। लेकिन तबियत सही नहीं होने के कारण लालू यादव पटना नहीं आ सके थे।
एक दिन पहले मंगलवार को नीतीश-तेजस्वी सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार हुआ। राज्यपाल फागू चौहान ने 31 विधायकों को मंत्रिपद की शपथ दिलाई। महागठबंधन में सबसे ज्यादा सीटें होने के चलते कैबिनेट में भी लालू यादव की पार्टी RJD का दबदबा देखने को मिला। RJD के 16 विधायकों ने मंत्रिपद की शपथ ली। जबकि जदयू के 11, कांग्रेस के 2, हम को एक और एक निर्दलीय विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
यह भी पढ़ेंः बिहारः महागठबंधन सरकार के मंत्रियों में विभागों का बंटवारा, देखें पूरा पोर्टफोलियो
राजद-जदयू के एक साथ मिलकर सरकार बनाने व मंत्रिपद की शपथ के तुरंत बाद लालू और नीतीश के बीच होने वाली मुलाकात को दिलचस्प माना जा रहा है। बिहार में महागठबंधन की सरकार का आगे का कामकाज कैसा रहेगा इसके बारे में दोनों नेताओं के बीच चर्चा होने की उम्मीद जताई जा रही है। राजद के सरकार में आने के बाद बिहार में लॉ एंड ऑर्डर का मामला बिगड़ जाता है। अब देखना होगा कि नीतीश कुमार इस बार नीतीश कुमार राज्य की कानून व्यवस्था को कैसे संभालते हैं।