क्यों बुलाई बैठक
यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी में मंत्री पद पाने का उनका लक्ष्य है, जेडी(यू) नेता अजय कुमार मंडल ने कहा, “मैं पार्टी में कुछ बनने के बारे में कभी नहीं सोचता। मैं पार्टी का सिपाही हूं। नेता ही निर्णय लेंगे। वे जो भी निर्णय लेंगे, मैं उसे स्वीकार करूंगा और जैसा वे कहेंगे, वैसा ही करूंगा। मैं यह नहीं कह सकता कि मंत्री कौन बनेगा…”
बिहार को “विशेष दर्जा” दिए जाने की मांग
बिहार को “विशेष दर्जा” दिए जाने की मांग के बारे में मंडल ने जोर देकर कहा कि इस तरह के निर्णय अंततः पार्टी नेतृत्व पर निर्भर करते हैं। बिहार को “विशेष दर्जा” मिलने और महत्वपूर्ण मंत्रालयों की मांग पर टिप्पणी करते हुए आनंद मोहन ने कहा, “रेल मंत्रालय की मांग पक्की है। यह बिहार के हिस्से में रहा है… पिछड़े बिहार को रेल मंत्रालय की जरूरत है… सीएम ने पिछले 16 सालों में बिहार को ‘जंगल-राज’ से बाहर निकाला और विकासशील बिहार बनाया। अगर हम इसे पंख देना चाहते हैं, तो ‘विशेष’ राज्य की मांग पूरी होनी चाहिए।”
तेजस्वी यादव ने कहा- “किंगमेकर” बनने का अच्छा मौका
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी कहा कि अगर नीतीश कुमार को “किंगमेकर” बनने का अच्छा मौका मिला है, तो उन्हें पूरे देश में “विशेष दर्जा” और जाति आधारित जनगणना की मांग करनी चाहिए। तेजस्वी यादव ने पहले एएनआई से बात करते हुए कहा, “एनडीए के पास संख्या है, लेकिन हम चाहते हैं कि जो सरकार बनेगी, वह बिहार का ख्याल रखे और सुनिश्चित करे कि बिहार को विशेष दर्जा मिले…नीतीश कुमार के लिए यह अच्छा मौका है, अगर वह किंगमेकर हैं, तो उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए कि बिहार को विशेष दर्जा मिले और पूरे देश में जाति आधारित जनगणना हो। पहली बार हमने देखा है कि पीएम मोदी का जादू खत्म हो गया है और वह बहुमत से बहुत दूर हैं। वह अपने दो सहयोगियों के बिना सरकार नहीं चला पाएंगे।”
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेताओं ने 5 जून को नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नवनिर्वाचित सांसदों की बैठक 5 जून को राष्ट्रीय राजधानी में हुई। “किंगमेकर” जेडी (यू) प्रमुख नीतीश कुमार और टीडीपी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने भी नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री उम्मीदवारी का समर्थन किया।