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देश में 10 लाख शिक्षकों की कमी: बड़ें पैमाने पर स्कूलों के विलय की तैयारी, जानिए क्या होगा फायदा

नीति आयोग ने रिपोर्ट में शिक्षकों की संख्या में कमी का उल्लेख किया। रिपोर्ट में बताया गया कि देश में 10 लाख से अधिक शिक्षकों की कमी है। कई राज्यों में तो 30 से 50 प्रतिशत तक शिक्षकों को पद रिक्त हैं।

Nov 16, 2023 / 08:22 am

Shaitan Prajapat

नीति आयोग ने शिक्षा व्यवस्था पर बड़े बदलाव की सिफारिश करते हुए छोटे और कम नामांकन वाले स्कूलों को निकट के स्कूलों में विलय करने और शिक्षक भर्ती को तर्कसंगत बनाने का सुझाव दिया है। नीति आयोग की ओर से सरकार को दी गई शिक्षा में बदलाव के लिए सतत कार्रवाई की रिपोर्ट में तीन राज्यों मिले सुझावों को शामिल किया गया है। इस रिपोर्ट में बताया गया कि कम नामांकन वाले स्कूलों के विलय से स्कूलों का विकास होगा, साथ में पैसे की भी बचत हो सकेगी। रिपोर्ट के अनुसार भारत में समान नामांकन के लिए चीन की तुलना में स्कूलों की संख्या पांच गुना है। इसके साथ ही कई राज्यों में 50 प्रतिशत स्कूलों में 60 से भी काम नामांकन हैं। रिपोर्ट में स्कूलों के हालात का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे स्कूलों में एक या दो शिक्षक सभी जिम्मेदारी निभाते हैं। हेडमास्टर की अनुपस्थिति में शिक्षक प्रशासनिक काम भी करते हैं। ऐसे में वह पढ़ाई के लिए जवाबदेही नहीं रह पाते हैं।


शिक्षक भर्ती को भी तर्क संगत बनाने का सुझाव

नीति आयोग ने रिपोर्ट में शिक्षकों की संख्या में कमी का उल्लेख किया। रिपोर्ट में बताया गया कि देश में 10 लाख से अधिक शिक्षकों की कमी है। कई राज्यों में तो 30 से 50 प्रतिशत तक शिक्षकों को पद रिक्त हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि कई राज्यों में शहरी क्षेत्रों में आवश्यकता से अधिक शिक्षक मौजूद हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं। शिक्षकों के पदों पर नियुक्तियां कर ही ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों को भेजा जा सकता है। ऐसे में स्कूलों का एकीकरण कर ही शिक्षा की व्यवस्था को सुधारा जा सकता है।

झारखंड में 4380 स्कूलों का विलय

रिपोर्ट में कहा गया कि नीति आयोग की सिफारिशों के बाद झारखंड में 4380 स्कूलों का विलय किया गया। इससे 400 करोड़ रुपए की बचत हुई। इसी तरह मध्यप्रदेश में 35000 स्कूलों की एकीकरण के लिए पहचान की गई। इनमें से 20 फीसदी स्कूलों में ही हेडमास्टर थे। 16000 स्कूलों के एकीकरण के बाद 55 प्रतिशत स्कूलों में हेडमास्टर थे। ओडिशा में सरकार ने एक ही परिसर में चलने वाले स्कूलों का एकीकरण कर दिया गया। इससे काफी फायदा हुआ है। नीति आयोग का कहना है कि राज्य सरकारों को स्कूलों का एकीकरण कर स्कूलों का विकास करना चाहिए। इसके साथ ही परिवहन व्यवस्था भी करनी चाहिए ताकि छात्रों को स्कूलों तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो।

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6 से 12 तक का सामाजिक विज्ञान का सिलेबस बदलेगा

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) स्कूली शिक्षा में बड़ा बदलाव करने जा रही है। नेशनल सिलेबस एंड टीचिंग लर्निंग मैटेरियल कमेटी (एनएसटीसी) ने मिशेल डैनिनो की अध्यक्षता में एक 35 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह कमेटी कक्षा 6 से 12 तक के लिए सामाजिक विज्ञान (इतिहास, भूगोल, राजनीतिक विज्ञान, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान) का पाठ्यक्रम दोबारा तैयार करेगी। यह समूह शुरुआत में तीन भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में शिक्षक शिक्षण सामग्री तैयार करेगा। इसके बाद अन्य अन्य भाषाओं में इसका बाद में अनुवाद किया जाएगा। समिति किताबों, शिक्षक शिक्षण सामग्री, कार्य पुस्तिकाओं आदि का पहला मसौदा अगले साल 20 जनवरी तक तैयार करेगी। इसके बाद अंतिम मसौदा 10 फरवरी तक तैयार करर देगी। शिक्षकों के लिए ‘हैंडबुक’ 25 फरवरी तक तैयार होगी।

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