बजट बनाने की टीम में कौन-कौन शामिल
मंत्रालय में बजट बनाने की कवायद का नेतृत्व करने वाली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की टीम के शीर्ष सदस्यों में राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ, निवेश और सार्वजनिक संपत्ति विभाग के सचिव तुहिन कांता पांडे, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव विवेक जोशी और मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन शामिल हैं।
नॉर्थ ब्लॉक में केंद्रीय बजट की छपाई के दौरान, अधिकांश अधिकारियों को बजट से पहले के दिनों में बाहरी दुनिया से बिना किसी संपर्क के कार्यालय में रहना पड़ता है। एक फरवरी को बजट पेश होने के बाद ही उन्हें घर जाने की अनुमति मिलेगी।
अंतरिम बजट की आवश्यकता क्यों होती है
अंतरिम बजट की आवश्यकता इसलिए होती है क्योंकि सरकार चलाने के लिए भारत की संचित निधि से धन निकालने के लिए संसद से नए सिरे से मंजूरी की जरूरत होती है। मौजूदा 2023-24 बजट इस वर्ष 31 मार्च तक ही वैध है। चूंकि इस साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं, इसलिए नई सरकार के सत्ता संभालने तक देश को चलाने के लिए धन की आवश्यकता होगी। अंतरिम बजट एक व्यावहारिक व्यवस्था है जो सरकार को इस अंतर को भरने में सक्षम बनाती है।
रखा जाता है इन विषयों का ध्यान
सरकार अंतरिम बजट के दौरान कोई बड़ी नीतिगत घोषणा नहीं करती है जिससे पूर्ण केंद्रीय बजट पेश करने वाली अगली निर्वाचित सरकार पर वित्तीय बोझ पड़ सकता है। चुनाव आयोग की आचार संहिता के मुताबिक सरकार अंतरिम बजट में कोई बड़ी योजना शामिल नहीं कर सकती क्योंकि इससे मतदाता प्रभावित हो सकते हैं। सरकार अंतरिम बजट के साथ आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश नहीं करती है जो मुख्य बजट पेश होने से एक दिन पहले किया जाता है।