सवाल: बड़ी घोषणा नहीं करने का बड़ा निर्णय कैसे लिया?
सीतारमण: हमने दस साल में बहुत काम किया है। लोगों को सशक्त किया है। लोगों को मकान मिल रहे हैं, बिजली मिल रही है। लोगों के पास पैसा आ रहा है और उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी सबका साथ, सबका विकास की अवधारणा से काम कर रहे हैं। इसमें किसी तरह का तुष्टीकरण नहीं है। किसी योजना के लिए यदि कोई योग्य हैं तो उसका धर्म, जाति नहीं देखी जा रही है। उसको लाभ दिया जा रहा है। देश में वास्तविक विकास लोगों तक तक योजना पहुंच रही है, यहां कोई भेदभाव नहीं हो रहा है।इसलिए हमें अपने काम पर भरोसा है।
सवाल: राजकोषीय घाटे को लेकर सवाल उठते रहे हैं?
सीतारमण: जीडीपी की स्थिति अच्छी है। राजकोषीय प्रबंधन बेहतर रहा है। हम वर्ष 2026 तक 4.5 फीसदी राजकोषीय घाटे को पूरा करने के ट्रेक पर है। हमने पहले दिए राजकोषीय रोडमेप को ऑनलाइन करने के साथ इसे बेहतर बनाया है।
सवाल: विकसित भारत का क्या रोडमैप है?
सीतारमण: हम अमृतकाल को कर्त्तव्यकाल मानते है। इस कर्त्तव्यकाल में देश को 2027 तक विकसित बनाने के लिए क्या-क्या कदम उठाने चाहिए, उस पर बहुत विचार किया गया है। इस वजह से भारत में चार प्रमुख जाति युवा, महिला, गरीब और किसान को हम विकास के विषय में मान्यता दे रहे हैं। यदि हम इन चारों की हर आकांक्षा पूरी करेंगे तो वे आगे बढ़ेंगे। ऐसा होने से देश भी आगे बढ़ेगा।
सवाल: पूंजीगत व्यय को बढ़ाने की बात कहीं है, यह कैसे होगा?
सीतारमण: सरकार पूंजीगत व्यय में भारी निवेश करने जा रही है। सरकार ने आर्थिक विकास को गति देने का काम किया है और इनोवेशन के लिए भी पैसे का प्रावधान किया गया है। हमारी सरकार आत्मविश्वास से भरी है और हमें पता है कि कैसे वोट ऑन अकाउंट का उपयोग किया जाता है।