एक महत्वपूर्ण कदम वेतनभोगी कर्मचारियों को वेतन पर काटे गए टीडीएस के विरुद्ध स्रोत पर टैक्स संग्रह (टीसीएस) के लिए क्रेडिट का दावा करने की अनुमति देने का प्रस्ताव है। सीतारमण ने अपने बजट भाषण में इस बदलाव पर प्रकाश डालते हुए कहा, “चैरिटी के लिए टैक्स व्यवस्था, टीडीएस दर संरचना, पुनर्मूल्यांकन और खोज प्रावधानों और पूंजीगत लाभ कराधान के लिए सरलीकरण करके वित्त विधेयक में एक शुरुआत की जा रही है।”
1 अक्टूबर से होगा प्रभावी
इस कदम का मतलब है कर्मचारियों के लिए ज़्यादा तत्काल नकदी प्रवाह, क्योंकि पहले, TCS को केवल आयकर रिटर्न दाखिल करने पर ही रिफंड के रूप में दावा किया जा सकता था, जिससे अक्सर रिफंड संसाधित होने तक फंड लॉक हो जाता था। यह बदलाव 1 अक्टूबर, 2024 से प्रभावी होगा, जिसका लाभ वित्त वर्ष 2024-25 से करदाताओं को मिलेगा। धारा 194-IA में किए गए बदलाव भी उल्लेखनीय हैं। यह धारा ₹50 लाख से अधिक की अचल संपत्ति की बिक्री के लिए भुगतान पर 1% TDS अनिवार्य करती है। नया बजट स्पष्ट करता है कि यह सीमा कई खरीदारों या विक्रेताओं से जुड़े लेन-देन में सामूहिक रूप से लागू होती है। यह संशोधन 1 अक्टूबर, 2024 से प्रभावी होने के साथ ही कोई अस्पष्टता सुनिश्चित नहीं करता है और संभावित राजस्व हानि को रोकता है।