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नई दिल्ली

बिहार और तेलंगाना के नए राज्यसभा सदस्यों ने ली शपथ

JDU के अनिल हेगड़े और TRS के रविचंद्र वद्दीराजू ने राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ लिया। उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शपथ दिलाया।

नई दिल्लीMay 30, 2022 / 03:07 pm

Archana Keshri

बिहार और तेलंगाना के नए राज्यसभा सदस्यों ने ली शपथ

बिहार और तेलंगाना के नए राज्यसभा सदस्यों ने ली शपथ

तेलंगाना और बिहार से दो नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य रविचंद्र वद्दीराजू और अनिल प्रसाद हेगड़े ने सोमवार को शपथ ली। राज्यसभा के सभापति एवं उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने राज्यसभा के दोनों सदस्यों को अपने कक्ष में शपथ दिलाई। दोनों नए राज्यसभा सांसदों को बंदा प्रकाश के इस्तीफे और महेंद्र प्रसाद के निधन के कारण उच्च सदन में हुई आकस्मिक रिक्तियों को भरने के लिए उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया है।
वद्दीराजू और हेगड़े क्रमशः तेलंगाना और बिहार से उपचुनाव में राज्यसभा के सदस्य चुने गए। तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के नेता वद्दीराजू ने तेलुगु में शपथ ली, जबकि जनता दल-यूनाइटेड (JDU) के नेता हेगड़े ने हिंदी में शपथ ली। इस अवसर पर राज्य सभा के महासचिव और राज्य सभा सचिवालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
TRS के नेता वद्दीराजू रविचंद्र पिछड़े वर्ग के नेता और व्यवसायी भी हैं। पिछले साल दिसंबर में TRS नेता बंदा प्रकाश के राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद उनकी जगह सांसद बने रविचंद्र वद्दीराजू एक ग्रेनाइट व्यवसायी से राजनेता बने हैं। इन्होंने 2018 में कांग्रेस के टिकट पर वारंगल अर्बन से विधानसभा चुनाव लड़ा और हार गए। बाद में, वह 2019 में TRS में शामिल हो गए और तब से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।
JDU के नेता अनिल हेगड़े को मंहेंद्र प्रसाद यानी किंग महेंद्र के निधन के बाद उनकी खाली पड़ी सीट के लिए राज्यसभा के सांसद के रूप में शपथ ली है। राज्यसभा में उपचुनाव के लिए अनिल हेगडे एकमात्र उम्मीदवार थे, लिहाजा उनका निर्विरोध निर्वाचन तय था। हेगड़े पिछले 38 साल से पार्टी के लिए काम करते आ रहे हैं। अनिल हेगड़े को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी खुशी जाहिर की थी।

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बता दें मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हेगड़े की पहचान सोशलिस्ट नेता के तौर पर रही है। 90 के दशक में आर्थिक उदारीकरण का पुरजोर विरोध करने की वजह से हेगड़े की पहचान पूरे देश में बनी थी। हेगड़े को पार्टी के पुराने निष्ठावान और वफादार नेताओं में माना जाता है।

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