सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग क्या है जानें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में आम आदमी पार्टी के मंत्री सत्येंद्र जैन को ईडी ने 30 मई को गिरफ्तार किया था। अप्रैल महीने में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत जैन के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियां कुर्क की थीं। मंत्री सत्येंद्र जैन पर कथित आरोप हैं कि, उन्होंने दिल्ली में कई शेल कंपनियां बनाई और कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटरों की 54 शेल कंपनियों के माध्यम से 16.39 करोड़ रुपए के काले धन को भी सफेद किया है।
6 माह का इंतजार सत्येंद्र जैन के लिए निराशाजनक कहा पिछले 6 माह से लंबी बहस, केस ट्रांसफर समेत कई कानूनी दुश्वारियों के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने जो फैसला सुनाया उससे केजरीवाल के मंत्री सत्येंद्र जैन को बड़ा झटका लगा। फैसले से पूर्व सत्येंद्र जैन की तरफ से पेश वकील एन हरिहरन ने ईडी के द्वारा बनाए गए केस पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा ईडी द्वारा बनाई गई कहानी उस फेयरी टेल जैसी है। अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल एस वी राजू ने ईडी का पक्ष रखते हूए कोर्ट से कहा था की 40-50 बार सत्येंद्र जैन ने हवाला ऑपरेटर को नगद मुहैया कराया है। पीएमएलए एक्ट की धारा 50 के तहत गलत जानकारी देना अपराध है। सत्येंद्र जैन लगातार गलत जानकारी दे रहे हैं। जो की आईपीसी 99 के तहत दंडनीय है. ऐसे में जैन को जमानत न दी जाए।
विशेष न्यायाधीश ने दिया फैसला राउस एवेन्यू कोर्ट स्थित विशेष न्यायाधीश विकास ढुल्ल ने सत्येंद्र जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन की जमानत याचिका पर फैसला सुनाया। इससे पहले जैन की जमानत याचिका की सुनवाई विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल कर रही थीं। पर ईडी ने कोर्ट बदलने की मांग को लेकर आवेदन जिला न्यायाधीश विनय कुमार के पास आवेदन किया। डीजे ने इसके लिए अनुमति प्रदान की। इस निर्णय पर असहमति जताते हुए सत्येंद्र जैन ने हाई कोर्ट में अपील की थी। पर हाईकोर्ट से अपील खारिज होने के बाद विशेष न्यायाधीश इसकी सुनवाई कर रहे हैं।