अनीता बोस ने नेताजी की अस्थियों को उनकी मातृभूमि में वापस लाने की अपील करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि नेताजी के अवशेष कम से कम भारत की धरती पर लौट आए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस फाफ वर्तमान में जर्मनी में रह रहीं हैं, जो नेताजी की इकलौती संतान हैं।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस फाफ का मानना है कि दूसरे विश्व युद्ध के आखिरी हफ्तों में उनके पिता की मौत फॉर्मोसा में एक विमान हादसे में हुई थी। उनका कहना है कि नेताजी के संरक्षित अवशेषों से DNA निकालकर अब मॉडर्न टेक्नोलॉजी के जरिए टेस्टिंग की जा सकती है। जिन लोगों को अभी भी यह संदेह है कि नेताजी की मौत 18 अगस्त 1945 में नहीं थी, उनके पास टोक्यो के रेंकोजी मंदिर में रखे अवशेष के जरिए वैज्ञानिक सबूत हासिल करने का मौका है।
अनीता बोस फाफ ने कहा कि भारत की आजादी के 75 साल बाद भी स्वतंत्रता संग्राम के सबसे प्रमुख “नायकों” में से एक “नेताजी सुभाष चंद्र बोस” अभी तक अपनी मातृभूमि नहीं लौटे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने उनके लिए भौतिक और आध्यात्मिक स्मारकों का निर्माण करके उनके यादों को आज तक जीवित रखा है।
नेताजी की मौत इतिहास का सबसे बड़ा रहस्य
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने निधन को लेकर अलग-अलग दावे किए जाते हैं। एक दावा किया जाता है कि उनकी मौत हवाई जहाज दुर्घटना में हुई थी, यह दावा करते हुए जपानी अधिकारियों ने कुछ अवशेष एकत्रित करके टोक्यो के रेंकोजी मंदिर रखा है। इन अवशेषों की देखभाल तीन पीढ़ी के पुजारी करते आ रहे हैं।
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