आज कल किसी भी विषय पर गुस्सा हो जाते हैं CM नीतीश कुमार भाकपा विधायक अजीत कुशवाहा ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार आज कल किसी भी विषय पर गुस्सा हो जाते हैं। जातिगत आरक्षण के सर्वे में यह बात सामने आई की अभी भी बहुत सारी जातियों को उनका अधिकार नहीं मिला है। इसके लिए आरक्षण का दायरा 65 प्रतिशत तक बढ़ाया गया, लेकिन इससे पहले दक्षिण के कई राज्यों में आरक्षण का दायरा 50 प्रतिशत तक बढ़ाया जा चुका है।
केंद्र सरकार पहले ही बढ़ा चुकी है आरक्षण का दायरा केंद्र सरकार पहले ही आरक्षण को बढ़ा चुकी है, लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। अदालत में बिहार का पक्ष नहीं रखा गया और अब बिहार सरकार इसे सुप्रीम कोर्ट ले जाने की बात कह रही है। आखिर इस बात की नौबत ही क्यों आई ? उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार केंद्र सरकार के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं। केंद्र सरकार ने इसे 9वीं सूची में नहीं डाला। इसका मतलब साफ है कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों नहीं चाहते कि पिछड़ी जातियों का आरक्षण बढ़ाया जाए।
बिहार के इंस्फ्राक्टचर को अधिकारियों ने बर्बाद किया वहीं, बिहार में ध्वस्त हो रहे पुल को लेकर अजीत कुशवाहा ने कहा कि बिहार के इंस्फ्राक्टचर को मौजूदा सरकार और उनके अधिकारियों ने बर्बाद किया है। वो लोग इसका आरोप दूसरों के ऊपर लगा रहे हैं। हम लोग बिहार के विकास के लिए मजबूती के साथ लड़ रहे हैं।
हाईकोर्ट ने बिहार आरक्षण कानून को किया था रद्द गौरतलब है कि पिछले साल नीतीश कुमार की गठबंधन सरकार ने ओबीसी, ईबीसी और दलित के आरक्षण के दायरे को बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया था। आर्थिक रूप से पिछड़े (सवर्ण) लोगों के 10 प्रतिशत आरक्षण को मिलाकर यह 75 प्रतिशत तक पहुंच गया। नीतीश सरकार के इस आरक्षण कानून को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने बिहार आरक्षण कानून रद्द को कर दिया था।