कोर्ट में नवाब मलिक का पक्ष:
कोर्ट में सुनवाई के दौरान मंत्री नवाब मलिक ने बताया कि कैसे उन्हें सुबह-सुबह उठा कर हिरासत में लिया गया और फिर सम्मन की प्रति पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया। दूसरी ओर ईडी के पक्ष से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि जांच के दौरान पता चला की दाऊद गैंग के एक मेंबर ने 200 करोड़ की सम्पत्ति को नवाब मलिक के परिवार और उनके द्वारा नियंत्रित किए जाने वाले कंपनी ने ख़रीदी है।
शरद पवार ने किया नवाब मलिक का बचाव:
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि नवाब मलिक को इसलिए परेशान किया जा रहा है क्योंकि उन्होंने केंद्र सरकार और केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ आवाज बुलंद की है। पवार ने कहा कि हमें आशंका थी कि इस प्रकार की कार्रवाई की जा सकती है क्योंकि मलिक खुल कर बोलते हैं।
और क्या बोले पवार:
पवार ने कहा कि सीधी सी बात है। अगर कोई मुस्लिम कार्यकर्ता होता है तो उसे दाऊद इब्राहिम से जोड़ दिया जाता हैं। जबकि उसका अंडरवर्ल्ड से कोई संबंध नहीं होता लेकिन ऐसा किया जाता है। पवार ने कहा कि उन्हें भी 1990 के दशक की शुरुआत में इसी प्रकार निशाना बनाया गया था जब वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे और उनके विरोध में माहौल बनाया गया था। तब से 25 साल बीत गए।
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नवाब मलिक के वकील ने जताई आपत्ति:
कोर्ट में नवाब मलिक का पक्ष रख रहे वकील अमित देसाई ने कहा कि बिना किसी समन के नवाब मलिक को हिरासत में लिया गया। सर्च ऑपरेशन में कुछ नहीं मिला तो उन्हें पकड़ कर ईडी ऑफिस लाया गया।
मंत्री नवाब मलिक ने कहा उनका अंडरवर्ल्ड से कोई संबंध नहीं:
बता दें कि नवाब मलिक ने दावा किया कि उनसे समन के कागजात पर ईडी ऑफिस में हस्ताक्षर करवाए गए। डी गैंग और मलिक का कोई संबंध नहीं। बीस साल बाद संबंधित आर्थिक लेन देन पर कार्रवाई की मांग क्यों की जा रही है। नवाब मलिक गिरफ्तारी के बाद कोर्ट जाते हुए कार के अंदर से कार्यकर्ताओं से कहा कि डरेंगे नहीं, लड़ेगे और जीतेंगे।
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