राष्ट्रीय मतदाता दिवस का इतिहास (History Of National Voters’ Day)
राष्ट्रीय मतदाता दिवस की शुरुआत युवा लोगों को मतदाता (Youth Voters) के रूप में पंजीकरण कराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 2011 में की गई थी। बता दें कि यह पहल तब शुरू हुई जब यह देखा गया कि कई योग्य युवा मतदान के लिए पंजीकरण नहीं करा रहे थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने इन युवा मतदाताओं को पंजीकृत करने और उन्हें उनके मतदाता पहचान पत्र (EPIC) देने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक विशेष दिन बनाने का फैसला किया। बता दें कि इस अवसर के लिए 25 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन 1950 में भारत के निर्वाचन आयोग की स्थापना हुई थी।
नेशनल वोटर्स डे थीम 2025 (National Voters’ Day 2025 Theme)
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2025 का थीम है ‘मतदान से बढ़कर कुछ नहीं, मैं निश्चित रूप से मतदान करूंगा‘ यह थीम पिछले साल से जारी है। यह देश के नेतृत्व को आकार देने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में मतदान के महत्व पर प्रकाश डालता है। यह दिवस भारत के निर्वाचन आयोग का सम्मान करता है तथा स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने में उसके प्रयासों को मान्यता देता है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2025 का महत्व (Significance)
नेशनल वोटर्स डे एक महत्वपूर्ण अवसर है यह लोकतंत्र में मतदान के अधिकार और जिम्मेदारी दोनों के महत्व को उजागर करता है। इस खास दिन का उद्देश्य मतदान के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना और नागरिकों को चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस दिन मुख्य रूप से पहली बार वोट करने वालों को पंजीकृत करके और मतदाता पहचान पत्र (Voter ID) प्रदान करके उनकी मदद करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इसके अलावा राष्ट्रीय मतदाता दिवस, लोगों को मतदान प्रक्रिया और उनके वोट के प्रभाव के बारे में शिक्षित करने वाले अभियान आयोजित करके चुनावी साक्षरता को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।