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नरेन्द्र मोदी की कुंडली में तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के योग, जानिए क्या कहते है ग्रह नक्षत्र

Narendra Modi Kundali :एग्जिट पोल, ज्योतिषीय भविष्यवाणियां आदि कई कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार सत्ता का सेहरा किसके सिर सजेगा – भाजपा या फिर कांग्रेस।

नई दिल्लीJun 03, 2024 / 08:41 am

Shaitan Prajapat

Narendra Modi Kundali : लोकसभा चुनाव का अंतिम चरण संपन्न होने के साथ सभी प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद हो चुका है। एग्जिट पोल, ज्योतिषीय भविष्यवाणियां आदि कई कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार सत्ता का सेहरा किसके सिर सजेगा – भाजपा या फिर कांग्रेस। प्रमुख ज्योतिषियों के अनुसार, ग्रह नक्षत्र बता रहे हैं कि इस बार भी पलड़ा भाजपा व उसके सहयोगी दलों का भारी रहेगा।

पद पर आसीन रहने के योग

पं. कमलेश कुमार दवे के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कुंडली में 24 मार्च 2023 से 6 जून 2024 तक मंगल में शनि होने से तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के योग बन रहे हैं। मंगल लग्नेश होकर भाग्य से संबंध कर लग्न में विराजमान है। दशानुसार लग्नेश का त्रिकोण का संबंध केंद्र में होने से मंगल की दशा में विजय व शनि का अंतर पूर्ण बहुमत दिलाएगा। शनि राज्य स्थान में बैठकर अपने स्थान की वृद्धि अर्थात पद पर आसीन रखने में भूमिका निभाएगा। शनि चतुर्थ स्थान को पूर्ण दृष्टि से देखने से प्रसिद्धि योग अर्थात वापस पूर्ण बहुमत से जीत हासिल करने के योग बना रहा है।

वर्चस्व का योग, पराक्रम से बहुमत

दवे ने बताया कि गोचर में 1 जून को 3:37 बजे मंगल मेष राशि में प्रवेश कर चुका है। प्रधानमंत्री मोदी के षष्ठम स्थान में आने से शत्रु परास्त होंगे। गुरु वृषभ के सप्तम भाव में चल रहा है, यह लग्न को पूर्ण दृष्टि से देखने पर अपना वर्चस्व कायम रखेगा तथा तीसरे स्थान को देखने से अपने पराक्रम से पूर्ण बहुमत से विजय दिलाने के योग भी बन रहे हैं।

ग्रह सत्ता पक्ष के लिए बलवान

पं. रमेश भोजराज द्विवेदी के अनुसार, 4 जून को चंद्रमा मेष राशि में मंगल के साथ में रहेंगे। निश्चित रूप से यह योगायोग सत्ता पक्ष के लिए बलवान है। जहां मंगल, शनि और शुक्र स्वग्रही है। इन तीन स्वग्रही ग्रहों के कारण इस बार चुनाव का परिणाम चमत्कारिक रहने वाला है। इसमें कोई संशय नहीं है, जो सत्ता पक्ष के लिए शुभ संकेत दे रहे हैं। जिसमें भाजपा का पलड़ा भारी रहेगा।

राहुल की सत्ता की राह आसान नहीं

पं. द्विवेदी के अनुसार, ज्येष्ठा नक्षत्र और मिथुन लग्न में जन्मे राहुल गांधी के लिए योग इतना प्रबल नहीं है। राहुल गांधी के लिए सत्ता की राह आसान नहीं है, स्थितियां चुनौतीपूर्ण रहेंगी। राहुल की कुंडली में चंद्रमा नीच का है, इससे भाग्य व पराक्रम दोनों की हानि हो रही है। बुध बारहवें भाव में होने से वाणी में दोष बार-बार उत्पन्न करता है। इसलिए बार-बार वह अपने वक्तव्य के कारण विवाद का पात्र बनते हैं। राहुल की जन्म कुंडली में शनि नीच का है, जो उनके राजयोग को नष्ट-भ्रष्ट कर रहा है।

कुंडली में राजयोग में बड़ी सफलता के योग

17 सितंबर 1950 को दोपहर के समय वाडनगर, मेहसाणा गुजरात में जन्मे प्रधानमंत्री मोदी की जन्म कुंडली वृश्चिक लग्न की है, जिसमें बन रहा चंद्रमा और मंगल का राजयोग उनको पिछले दो दशकों से पहले गुजरात और अब केंद्र की राजनीति में बड़ी सफलताएं देता आ रहा है। मोदी की कुंडली में चंद्रमा से केंद्र में गुरु के होने से गजकेसरी योग तथा पंचम भाव में बैठे राहु पर दशमेश सूर्य की दृष्टि से बन रहा राजयोग भी बड़ी सफलता दिलाने का योग है।
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