राष्ट्रीय

‘मेरी मां जीवन के अंत तक माला जपते हुए…’, प्राण प्रतिष्ठा से 11 दिन के पहले भावुक हुए PM मोदी

22 जनवरी को भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह से 11 दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुष्ठान शुरू किया है।

Jan 12, 2024 / 02:40 pm

Paritosh Shahi

भगवान श्री राम के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट में कहा, ‘मैं भावुक हूं, भाव-विह्वल हूं। मैं पहली बार जीवन में इस तरह के मनोभाव से गुजर रहा हूं। आज मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की मां माता जीजाबाई की जयंती है। पीएम ने कहा, “आज हम अपने भारत को जिस अक्षुण्ण रूप में देख रहे हैं। इसमें माता जीजाबाई का बहुत बड़ा योगदान है। जब मैं माता जीजाबाई का पुण्य स्मरण कर रहा हूं तो सहज रूप से मुझे अपनी मां की याद आना स्वाभाविक है।” पीएम ने कहा, “मेरी मां जीवन के अंत तक माला जपते हुए सीता-राम का ही नाम भजा करती थीं।”

https://twitter.com/narendramodi/status/1745691500179263899?ref_src=twsrc%5Etfw

 

पीएम क्या बोले

अपने अनुष्ठान के लेकर दिए जानकारी में पीएम ने कहा, “शरीर के रूप में, तो मैं उस पवित्र पल का साक्षी बनूंगा ही, लेकिन मेरे मन में, मेरे हृदय के हर स्पंदन में, 140 करोड़ भारतीय मेरे साथ होंगे। आप मेरे साथ होंगे, हर रामभक्त मेरे साथ होगा और वो चैतन्य पल, हम सबकी सांझी अनुभूति होगी। मैं अपने साथ राम मंदिर के लिए अपने जीवन को समर्पित करने वाले अनगिनत व्यक्तित्वों की प्रेरणा लेकर जाउंगा। त्याग-तपस्या की वो मूर्तियां…500 साल का धैर्य…दीर्घ धैर्य का वो काल…अनगिनत त्याग और तपस्या की घटनाएं…दानियों की…बलिदानियों की…गाथाएं… कितने ही लोग हैं जिनके नाम तक कोई नहीं जानता, लेकिन जिनके जीवन का एकमात्र ध्येय रहा है, भव्य राम मंदिर का निर्माण।”

उन्होंने आगे कहा, “ऐसे असंख्य लोगों की स्मृतियां मेरे साथ होंगी। जब 140 करोड़ देशवासी, उस पल में मन से मेरे साथ जुड़ जाएंगे, और जब मैं आपकी ऊर्जा को साथ लेकर गर्भगृह में प्रवेश करूंगा, तो मुझे भी एहसास होगा कि मैं अकेला नहीं, आप सब भी मेरे साथ हैं। साथियों, ये 11 दिन व्यक्तिगत रूप से मेरे यम नियम तो है ही लेकिन मेरे भाव विश्व में आप सब समाहित है | मेरी प्रार्थना है कि आप भी मन से मेरे साथ जुड़े रहें।रामलला के चरणों में, मैं आप के भावों को भी उसी भाव से अर्पित करूंगा जो भाव मेरे भीतर उमड़ रहे हैं। हम सब इस सत्य को जानते हैं कि ईश्वर निराकार है।लेकिन ईश्वर, साकार रूप में भी हमारी आध्यात्मिक यात्रा को बल देते हैं। जनता-जनार्दन में ईश्वर का रूप होता है, ये मैंने साक्षात देखा है, महसूस किया है।लेकिन जब ईश्वर रूपी वही जनता शब्दों में अपनी भावनाएं प्रकट करती है, आशीर्वाद देती है, तो मुझमें भी नई ऊर्जा का संचार होता है। आज, मुझे आपके आशीर्वाद की आवश्यकता है। इसलिए मेरी प्रार्थना है कि शब्दों में, लिखित में, अपनी भावनाएं जरूर प्रकट करें, मुझे आशीर्वाद जरूर दें।आपके आशीर्वाद का एक-एक शब्द मेरे लिए शब्द नहीं, मंत्र है। मंत्र की शक्ति के तौर पर वह अवश्य काम करेगा। आप अपने शब्दों को, अपने भावों को नमो एप के माध्यम से सीधे मुझ तक पहुंचा सकते हैं। आइए, हम सब प्रभु श्रीराम की भक्ति में डूब जाएं। इसी भाव के साथ के साथ, आप सभी रामभक्तों को कोटि-कोटि नमन। जय सियाराम, जय सियाराम, जय सियाराम।”

Hindi News / National News / ‘मेरी मां जीवन के अंत तक माला जपते हुए…’, प्राण प्रतिष्ठा से 11 दिन के पहले भावुक हुए PM मोदी

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.