ट्राई अगले 7 से 8 दिनों में अपनी सिफारिशें जारी कर सकता है। इसके बाद, दूरसंचार विभाग (DoT) को कैबिनेट की मंजूरी तुरंत मिलने की उम्मीद है, ऐसा उसी रिपोर्ट में दावा किया गया है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो दिसंबर के अंत तक सैटेलाइट सेवा प्रदाताओं को आवश्यक स्पेक्ट्रम आवंटित किया जा सकता है।
एलन मस्क बनाम मुकेश अंबानी और सुनील मित्तल
एलन मस्क वैश्विक स्तर पर सैटेलाइट ब्रॉडबैंड क्षेत्र पर अपना दबदबा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। टेस्ला के संस्थापक ने अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा कंपनी स्टारलिंक को भारत में लाने की योजना बनाई है, जो मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो और सुनील भारती मित्तल की एयरटेल जैसी दूरसंचार दिग्गजों के लिए खतरा बन सकती है। एलन मस्क की स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं देने के लिए तैयार प्रमुख खिलाड़ियों में से एक है। वनवेब और इसी तरह के उपक्रमों सहित अन्य कंपनियाँ भी भारतीय बाज़ार में प्रवेश करने की तैयारी कर रही हैं। उनकी तत्परता से पता चलता है कि सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएँ अनुमान से पहले ही देश भर के उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध हो सकती हैं।
सरकार की ओर से त्वरित कार्रवाई और वैश्विक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड प्रदाताओं की भागीदारी भारत के दूरसंचार परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव को उजागर करती है। आने वाले सप्ताह महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि ट्राई अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देगा और सरकार इन सेवाओं के सुचारू रोलआउट को सुनिश्चित करने के लिए अगले कदम उठाएगी। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो जनवरी 2024 तक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए एक वास्तविकता बन सकता है।