सीएम मोहन यादव ने तोड़ा मिथक
दरअसल, उज्जैन को लेकर ऐसा माना जाता है कि उज्जैन के राजा महाकाल हैं इसलिए यहां कोई भी सीएम रात के समय नहीं रूकता है या यहां रात्रि विश्राम नहीं करता है। जो भी रात में यहां रुकता है उसकी कुर्सी चली जाती है। ऐसे में मोहन यादव ने न सिर्फ उज्जैन में रुके। बल्कि उन्होंने इस मिथक को भी तोड़ा है।
यूपी में भी था ऐसा ही मिथक
बता दें कि ऐसी ही मान्यता उत्तर प्रदेश के नोएडा को लेकर थी कि जो भी सीएम नोएडा जाता है वो फिर कभी सत्ता में वापस नहीं आता। लेकिन 2017 में उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ इस मिथ को तोड़ा बल्कि लगातार नोएडा का दौरा भी किया और 5 साल तक सरकार चलाने के बाद 2022 में फिर से पूर्ण बहुमत से सत्ता में वापसी की।
बाबा महाकाल मेरे पिता हैं- मोहन यादव
वहीं, इस बारे में जब सीएम मोहन यादव से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं उज्जैन का बेटा हूं और बाबा महाकाल मेरे पिता हैं। मैं महाकाल के मुख्य सेवक के रूप में काम कर रहा हूं, ना कि सीएम के रूप में। बता दें कि मोहन यादव ने 13 दिसंबर को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। राज्य की कमान संभालने के बाद सीएम मोहन पहली बार उज्जैन दौरे पर पहुंचे हैं। उज्जैन उनका गृहनगर भी हैं। मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से बीजेपी के विधायक हैं। वह तीसरी बार विधायक चुने गए हैं।
माया-मुलायम से लेकर अखिलेश ने नहीं किया नोएडा का दौरा
बता दें कि उत्तर प्रदेश की कमान संभाल चुके कई बड़े नेता महज इस अफवाह के कारण की जो भी मुख्यमंत्री नोएडा जाता है दोबारा सीएम नहीं बनता इस कारण कई पूर्व मुख्यमंत्रियो ने नोएडा का दौरा नहीं किया। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश की 4 बार सीएम रही मायावती, समाजवादी पार्टी के संस्थापक और राज्य के तीन बार मुख्यमंत्री रहें मुलायम सिंह यादव और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बतौर सीएम कभी नोएडा का दौरा नहीं किया। लेकिन 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने नोएडा का दौरा कर इस भ्रम को तोड़ दिया।