इसके बाद धीरे-धीरे पूरी दुनिया में मदर्स डे मनाने का प्रचलन तेज हो गया, लेकिन आपको बता दे कि पूरी दुनिया में मदर्स डे एक ही दिन नहीं मनाया जाता है। मदर्स डे पूरी दुनिया में अलग-अलग कारणों से अलग-अलग दिन मनाया जाता है।
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अलग-अलग देशों में अलग-अलग दिन मनाया जाता है मदर्स डे
मदर्स डे दुनिया भर में अलग-अलग दिन मनाया जाता है। भारत सहित ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, फिनलैंड, इटली, स्विट्जरलैंड, तुर्की और बेल्जियम में मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। इस साल मदर्स डे 8 मई को है।
मेक्सिको और लैटिन अमरीका के ज्यादातर हिस्सों में मदर्स डे 10 मई को मनाया जाता है। वहीं रोमानिया,लिथुआनिया, हंगरी जैसे देशों में मई के पहले दिन मदर्स डे मनाया जाता है। इसके साथ ही नॉर्वे में मदर्स डे फरवरी के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। जॉर्जिया इसे 3 मार्च को मनाता है। इंडोनेशिया में 22 दिसंबर तो रूस में नवंबर के आखिरी रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है।
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मदर्स डे की शुरुआत करने वाली ही हो गई इसके खिलाफ
एना जार्विस ने जब पहली बार मदर्स डे मनाया तो उन्होंने मां के पसंद के सफेद कार्नेशन फूल को महिलाओं में बाटा जो धीरे-धीरे चलन में आ गया। हर कोई मदर्स डे पर इन फूलों को खरीदने लगा जिसके बाद इन फूलों का व्यवसाय इतनी तेजी से बढ़ा कि मदर्स डे पर सफेद कार्नेशन फूलों की कालाबाजारी तक होने लगी। लोग ज्यादा से ज्यादा पैसे देकर इसे खरीदने लगे, जिसे देख कर एना को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने इस दिन को न मनाने की मुहिम शुरु कर दी थी। उनका कहना था कि लोग अपने लालच के चलते बाजारीकरण करके इस दिन की अहमियत को घटा रहे हैं। साल 1920 में उन्होंने लोगों से फूल न खरीदने की अपील भी की लेकिन कुछ खास सफलता हाथ नहीं लगी और 1948 में इसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए एना इस दुनिया से चली गई।
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