पी.चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार गई. कुछ दिनों के लिए बीजेपी सरकार थी. कल से ये एनडीए सरकार है क्या आपने 19 अप्रैल के बाद से हुए नाटकीय बदलाव पर ध्यान दिया है? 5 अप्रैल से 19 अप्रैल के बीच मोदी ने कांग्रेस के घोषणापत्र को नजरअंदाज कर दिया। 19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान के बाद, घोषणापत्र को एक नया कद मिल गया है। धन्यवाद, प्रधान मंत्री!
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने गुरुवार को कहा कि संपत्ति के बंटवारे और विरासत टैक्स को लेकर जो विवाद खड़ा किया जा रहा है, उससे पता चलता है कि भाजपा, कांग्रेस के घोषणापत्र से डर गई है। कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी की गारंटी का कहीं कोई नामो-निशान नहीं है और भाजपा झूठ, बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश करने और गालियां देने पर उतर आई है। कांग्रेस का घोषणापत्र तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष पी चिदंबरम ही थे।
‘कांग्रेस के घोषणापत्र से भाजपा डरी’
पी. चिदंबरम ने अपने एक बयान में कहा कि ‘साफ है कि भाजपा, कांग्रेस के घोषणापत्र से परेशान है। कांग्रेस के घोषणापत्र का लोगों की सोच पर असर पड़ा है और खासकर मध्यम वर्ग और गरीबों पर इसका प्रभाव पड़ा है।’ उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस का घोषणापत्र दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्ग, युवाओं और महिलाओं के बीच नई उम्मीद जगा रहा है।’ चिदंबरम ने कहा कि ‘संपत्ति के बंटवारे और विरासत टैक्स पर बनाए गए ताजा विवाद से पता चलता है कि भाजपा डर में है। घोषणापत्र में कथित संपत्ति के बंटवारे और विरासत टैक्स की कोई बात ही नहीं है। मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि कांग्रेस की सरकार ने 1985 में ही एस्टेट ड्यूटी के प्रावधान को खत्म कर दिया था। वहीं संपत्ति पर टैक्स के प्रावधान को साल 2015 में भाजपा सरकार ने खत्म कर दिया था। कांग्रेस का घोषणापत्र तीन जादुई शब्दों- काम, संपत्ति और जलकल्याण पर आधारित है।’