
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र की मोदी पर रविवार को जमकर निशाना साधा है। पत्रकारों से बात करते हुए सीएम सुक्खू ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने पर केंद्र की मोदी-सरकार ने हिमाचल प्रदेश पर कई प्रतिबंध लगा दिए। हिमाचल प्रदेश के पास 6600 करोड़ रुपए लोन की लिमिट है और राज्य सरकार ने अब तक 4100 करोड़ रुपए का लोन लिया है।
फायदे के लिए राज्य को कर्ज के दलदल में ढ़केला
सुक्खू ने पूर्व की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ने राजनीतिक लाभ के लिए अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में 1100 नए शिक्षण संस्थान खोले। नई सरकार बनने के बाद रात को अधिकारियों के साथ बैठकें की गई और राज्य को कर्ज की दलदल से बाहर निकालने के लिए प्रयास किए, ताकि हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। राज्य सरकार प्रदेश को चार वर्षों में आत्मनिर्भर बनाने और 10 वर्षों में देश में सबसे समृद्ध राज्य बनाने के लिए प्रयास कर रही है।
इस साल बढ़ेगा राज्य की आय
वर्तमान राज्य सरकार अपने संसाधनों में वृद्धि करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इस वर्ष हिमाचल प्रदेश सरकार के राजस्व में 1100 करोड़ रुपये की वृद्धि का अनुमान है। शराब के ठेकों की नीलामी से राज्य सरकार को 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा।
जल्द होंगी भर्तीयां
राज्य सरकार 6000 अध्यापकों, 2000 से अधिक वन मित्रों के पद भरने जा रही है। इसके साथ-साथ पुलिस भर्ती में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश भर में 30 व 31 अक्टूबर, 2023 को इंतकाल अदालतों का आयोजन किया, जिसके परिणाम बेहतर रहे तथा इंतकाल के लम्बित 41,907 मामलों में से 31,105 का निपटारा कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि आगामी एक व दो दिसंबर को पुनः प्रदेश भर में इस प्रकार की विशेष अदालत का आयोजन किया जाएगा, जिसे राजस्व लोक अदालत का नाम दिया गया है। इस विशेष अदालत में इंतकाल के साथ-साथ तकसीम के लम्बित मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राजस्व से संबंधित लंबित मामलों को 20 जनवरी तक निपटाने का प्रयास कर रही है।
Published on:
26 Nov 2023 08:10 pm
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