तेलंगाना की सत्ता हाथ से जाते ही पूर्व मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव को हर दिन झटके लग रहे है। दरअसल, बीआरएस को शुक्रवार को एक और झटका लगा है। पार्टी के विधायक काले यादैया सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल हो गए। यादैया चार महीनों में कांग्रेस में शामिल होने वाले बीआरएस के छठवें विधायक हैं। पिछले सप्ताह बीआरएस के तीन विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए। पिछले साल नवंबर में राज्य में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से बीआरएस के कई वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है।
यादैया ने की घर वापसी यादैया के लिए यह घर वापसी है। वह 2015 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा के लिए चुने जाने के कुछ महीने बाद बीआरएस में शामिल हो गए थे। 2018 में उन्होंने बीआरएस उम्मीदवार के रूप में चेवेल्ला सीट बरकरार रखी। रंगारेड्डी जिले के चेवेल्ला निर्वाचन क्षेत्र के विधायक यादैया दिल्ली में मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी, एआईसीसी प्रभारी दीपा दासमुंशी और अन्य नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए।
लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं यादैया
पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों में, यादैया ने कांग्रेस पार्टी के पी. बीम भारत को 268 मतों के अंतर से हराकर लगातार तीसरी बार चेवेल्ला सीट जीती। यादैया ने मार्च में रेवंत रेड्डी से मुलाकात की थी। इसके बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। इसके पहले बीआरएस विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पोचाराम श्रीनिवास रेड्डी 21 जून को कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए। वह निजामाबाद जिले के बांसवाड़ा से विधायक और पूर्व मंत्री हैं। इसके दो दिन बाद, जगतियाल निर्वाचन क्षेत्र से बीआरएस विधायक एम. संजय कुमार कांग्रेस में शामिल हुए।