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जानिए Delhi New CM आतिशी का पूरा सफर, 2020 में MLA, 2023 में मंत्री और 2024 अब मुख्यमंत्री

Delhi New Chief Minister : आतिशी शुरू से शिक्षा क्रांति का महत्वपूर्ण चेहरा रही हैं। शिक्षा मंत्री के तौर पर मनीष सिसोदिया ने जो काम किए उसमें आतिशी ने उन्हें काफी सहयोग किया। आतिशी मनीष सिसोदिया की सलाहकार रही हैं और हर रणनीति में उनका खासा योगदान रहा।

नई दिल्लीSep 17, 2024 / 01:42 pm

Anand Mani Tripathi

Atishi Marlena Delhi New CM: आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। आम आदमी पार्टी के मंत्री गोपाल राय ने सर्वसम्मित का एलान कर दिया है। उन्होंने बताया कि विधायक दल की बैठक में आतिशी का चुनाव किया गया है। उन्होंने कहा कि जब तक दिल्ली की जनता विजय का आर्शीवाद अरविंद केजरीवाल को नहीं देती है आतिशी ही मुख्यमंत्री पद का कार्य संभालेंगी। इस ऐलान के बाद आतिशी का नाम देश की नहीं दुनिया के चर्चा का केंद्र बन गया है।
आतिशी फिलहाल कालका से विधायक हैं। 2020 में वह विधायक बनीं, 2023 में वह मंत्री बनीं और अब 2024 में वह दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। इससे शीला दीक्षित और सुषमा स्वराज दिल्ली मुख्यमंत्री का पद भार संभाल चुकी हैं। मौजूदा समय में आतिशी के पास कुल 13 मंत्रालय हैं। सियासी गलियारों में आतिशी को केजरीवाल के भरोसेमंद साथियों में से एक माना जाता है। आतिशी आम आदमी पार्टी की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। 2013 में आम आदमी पार्टी ने जब सबसे पहले मेनिफेस्टो ड्राफ्ट जारी किया था, तो उसमें आतिशी को भी जगह दी गई थी।
आतिशी का जन्म दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजय कुमार सिंह और त्रिप्ता वाही के घर 8 जून 1981 को हुआ। आरंभिक शिक्ष स्प्रिंगडेल स्कूल में हुई और स्नातक की शिक्ष सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में हासिल की। इसके बाद शेवनिंग छात्रवृत्ति पर वह ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय परास्नातक की डिग्री लेने चली गईं। कुछ साल बाद ही उन्होंने ऑक्सफोर्ड से शैक्षिक अनुसंधान में रोड्स स्कॉलर के रूप उन्होंने परास्नातक की एक और डिग्री हासिल की।
इसके बाद वह आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल में शिक्षक बन गईं। वह जैविक खेती और शिक्षा पर स​क्रिय रही। इस सिलसिल में वह भोपाल के एक एनजीओ के साथ काम करने लगी। इस एनजीओ में काम करते समय वह आम आदमी पार्टी और वकील प्रशांत भूषण के संपर्क में आईं। इसके बाद वह अन्ना आंदोलन में सक्रिय रही हैं और अब आम आदमी पार्टी के प्रमुख चेहरा हैं। आतिशी साल 2013 में आम आदमी पार्टी से जुड़ीं।
2020 विधानसभा चुनाव जीत के बाद भी मंत्रीमंडल में जगह न पाने वाली आज मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। इससे पहले वह सबसे ज्यादा मंत्रालय और विभाग रही हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सि​सोदिया के जेल जाने के बाद उन्होंने पार्टी और मंत्रालय बखूबी संभाला। इतना ही नहीं विपक्ष पर हमला करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं लगाई। यही विषय उनके पक्ष में गया।

दिल्ली के सरकारी स्कूलों ने हिला दी निजी स्कूलों की नींव

आतिशी एक बेहतरीन विद्यार्थी के साथ बहुत बेहतरीन शिक्षक भी हैं। उनकी योजनाओं ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों का नक्शा बदलकर रख दिया। दिल्ली में हालत यह हो गई कि अब सरकारी स्कूलों में प्रवेश के लिए लाइन लगती है। शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले आतिशी आम आदमी पार्टी में राजनीति मामलों की समिति की सदस्य भी हैं।

जैविक खेती को बनाया मिशन

अतिशी का राजनीति से सीधे तौर पर कोई लेनादेना नहीं था। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से लौटने के बाद वह कई गैर लाभकारी संगठनों में काम करने लगीं। इस सिलसिले में वह मध्यप्रदेश के एक छोटे से गांव में सात साल रहीं और वहां की जैविक खेती को बढ़ावा देने का काम किया। एनजीओ में काम करते करते अचानक आम आदमी पार्टी के कुछ सदस्यों से मुलाकात हुई फिर वह पार्टी में शामिल हो गईं।

मनीष सिसोदिया भी नहीं बनेंगे मंत्री

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी ऐलान कर दिया है कि वह अब अपना पदभार तभी ग्रहण करेंगे जब दिल्ली की जनता उन्हें कह देगी कि मेरा मनीष ईमानदार है। अब फैसला जनता के हाथ में है और हम अब जनता की अदालत में। गौरतलब है कि आतिशी शुरू से शिक्षा क्रांति का महत्वपूर्ण चेहरा रही हैं। शिक्षा मंत्री के तौर पर मनीष सिसोदिया ने जो काम किए उसमें आतिशी ने उन्हें काफी सहयोग किया। आतिशी मनीष सिसोदिया की सलाहकार रही हैं और हर रणनीति में उनका खासा योगदान रहा। अप्रैल 2018 में वह इस पद से हटा दी गई थी।

गौतम गंभीर से चुनाव हार गई थी आतिशी

आतिशी के राजनीतिक करियर की बात करें। उनका यह सफर भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से शुरू हुआ। वो 2015 से 2018 तक दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार के रूप में काम करती रहीं। ये तेज तर्रार ‘आप’ नेता पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी यानी पीएसी की मेंबर भी रह चुकी हैं। आतिशी ने 2019 में लोकसभा चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन उन्हें गौतम गंभीर के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।

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