राष्ट्रीय

Minority Status: किसी संस्थान को क्यों मिलता है अल्पसंख्यक यूनिवर्सिटी का दर्जा, कौन तय करता है इसके नियम-कायदे?

Supreme Court On AMU Minority Status: सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी शुक्रवार 8 नवंबर, 2024 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक स्वरूप को लेकर फैसला सुनाया। क्या आप जानते हैं अल्पसंख्यक दर्जा क्यों दिया जाता है? आइए बताते हैं-

नई दिल्लीNov 10, 2024 / 05:06 pm

Akash Sharma

Aligarh Muslim University

Supreme Court On AMU Minority Status: सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी शुक्रवार 8 नवंबर, 2024 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक स्वरूप (Minority Institution) को लेकर फैसला सुनाया। SC ने अजीज बाशा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया केस में कोर्टं को फैसले को पलट दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को नए सिरे से तय करने के लिए तीन जजों की एक समिति बनाई गई है। इंदिरा गांधी सरकार ने संसद में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अमेंडमेंट एक्ट, 1981 पास किया। संशोधन में यूनिवर्सिटी को ‘भारत के मुस्लिमों द्वारा स्थापित अपने पसंद के संस्थान’ के रूप में परिभाषित किया गया था, जिसकी उत्पत्ति मुहम्मदन एंगलो ओरिएंटल कॉलेज, अलीगढ़ के रूप में हुई है। बाद में इसका नाम अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) पड़ गया।
Indira Gandhi

सुप्रीम कोर्ट बदलेगा इंदिरा गांधी का फैसला!

अनुच्छेद 30 भारतीय संविधान (Indian Constitutions) का एक महत्वपूर्ण आर्टिकल है। इसमें अल्पसंख्यक वर्गों के शिक्षा संस्थानों की स्थापना और प्रबंधन के अधिकार के बारे में है। यह आर्टिकल अल्पसंख्यक वर्गों को अपने धर्म की रक्षा और प्रसार, भाषा, संस्कृति के लिए शिक्षा संस्थान स्थापित करने और चलाने का अधिकार देता है। बता दें कि साल 1981 में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार में एएमयू एक्ट में संशोधन करके यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया गया था

क्यों दिया जाता है अल्पसंख्यक दर्जा (Minority Institution)

अब सवाल है कि अल्पसंख्यक दर्जा क्यों दिया जाता है। आइए जानते हैं इन सवाल का जवाब। भारत में तमाम अल्पसंख्यकों के विकास और उनकी पढ़ाई को लेकर ये व्यवस्था बनाई गई थी। ऐसे संस्थानों में इन अल्पसंख्यकों को आरक्षण मिलता है और उनका शैक्षणिक विकास होता है। यही वजह है कि इन संस्थानों को कुछ खास अधिकार दिए जाते हैं, यानी तमाम तरह के नियम-कायदे ये खुद तय कर सकते हैं। ऐसे संस्थानों की लिस्ट काफी लंबी है, देश के कई बड़े विश्वविद्यालय इसमें आते हैं। फिलहाल अब तीन जजों की बेंच AMU के दर्जे पर आखिरी फैसला सुनाएगी।
ये भी पढ़ें: आर्टिकल 30 क्या है? AMU अल्पसंख्यक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने किया जिक्र

संबंधित विषय:

Hindi News / National News / Minority Status: किसी संस्थान को क्यों मिलता है अल्पसंख्यक यूनिवर्सिटी का दर्जा, कौन तय करता है इसके नियम-कायदे?

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.