भारतीय विदेश मंत्रालय के स्पोक्सपर्सन अरिंदम बागची ने कहा, “हम पहले भी दोहरा चुके हैं कि ये हमारा आंतरिक मुद्दा है और द्विपक्षीय बातचीत के जरिए हल करेंगे।”
अरिंदम बागची ने कहा, “कश्मीर का मुद्दा एक अलग मुद्दा है और इसपर हमारा क्या स्टैंड है सभी को पता है। जम्मू कश्मीर हमारा आंतरिक मुद्दा है और हम इसपर अपनी स्थिति बता चुके हैं। किसी अन्य के द्वारा UNGA में IS मुद्दे को उठाने का कोई मतलब नहीं है।”
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने कश्मीर की बात करते हुए कहा था कि ‘ भारत और पाकिस्तान को आजाद हुए 75 साल हो गए हैं। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि दोनों देश आज तक कश्मीर मुद्दे का हल नहीं निकाल पाए हैं। मैं आशा करता हूं की कश्मीर में सुख-समृद्धि फिर से आएगी।”
इसके कुछ ही घंटों बाद भारत के विदेश मंत्री ने साइप्रस का मुद्दा उठाकर तुर्की के दुखती रग पर हाथ रख दिया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तुर्की के राष्ट्रपति द्वारा कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने के कुछ ही घंटों बाद तुर्की के समकक्ष मेवलुत कावुसोगलु से मुलाकात कर साइप्रस का मुद्दा उठाया था।