बीते 15 दिनों में सबसे हिंसक रहा शनिवार का दिन
सूत्रों के मुताबिक शनिवार को बिष्णुपुर-चुराचांदपुर सीमा पर कई जगहों पर लगातार मोर्टार और ग्रेनेड से हमले होते रहे। बीते लगभग दो सप्ताह में यह सबसे हिंसक दिन रहा। क्वाक्टा में एक पिता-पुत्र समेत 3 लोगों की हत्या कर दी गई। ये सभी काफी लंबे समय बाद राहत शिविर से गांव लौटे थे। पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। इसके बाद जवाबी हमले में हथियारबंद लोगों ने चुराचांदपुर के 2 गांवों में गोलीबारी की और मोर्टार गोले और ग्रेनेड दागे। इसमें 2 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। इसके बाद ही अतिरिक्त सुरक्षाबलों की मांग की गई थी।
केंद्र ने भेजी 10 और कंपनियां
मणिपुर हिंसा में अब तक 187 लोगों की जान जा चुकी है। ये तो सरकारी आंकड़े हैं, सच में ये आंकड़ा और भी ज्यादा हो सकता है। इस बीच केंद्र ने अर्धसैनिक बलों की 10 अतिरिक्त कंपनियां भेजीं हैं। इनमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 5, सीमा सुरक्षा बल (BSF) की 3, सशस्त्र सीमा बल (SSB) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की एक-एक कंपनी शामिल हैं।
लूटे गए हथियारों की बरामदगी के लिए चल रही छापेमारी
मणिपुर पुलिस ने अपने ट्विट में बताया कि पुलिस से लूटे गए हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी के लिए सुरक्षा बल पहाड़ी और घाटी इलाकों में लगातार छापेमारी कर रही हैं। अब तक इस छापेमारी में घाटी के जिलों में 1057 हथियार और 14201 गोला-बारूद बरामद किए गए हैं और पहाड़ी जिलों में 138 हथियार और 121 गोला-बारूद बरामद हुए हैं।
विवाद का कारण जानिए
कुकी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिला है, लेकिन मैतेई अनूसूचित जनजाति का दर्जा मांग रहे हैं। नागा और कुकी का साफ मानना है कि सारी विकास की मलाई मूल निवासी मैतेई ले लेते हैं। आजादी के समय कुकी समुदाय के लोग मात्र 4 प्रतिशत थे लेकिन बाद में इनकी आबादी एकाएक बढ़ी।
मणिपुर के सीएम बिरेन सिंह ने मौजूदा हालात के लिए म्यांमार से घुसपैठ और अवैध हथियारों को ही जिम्मेदार ठहराया है। करीब 200 सालों से कुकी को स्टेट का संरक्षण मिला। बाद में अधिकतर ने इसाई धर्म स्वीकार कर लिया जिसका फायदा मिला और एसटी स्टेटस भी मिला। अब सारा बवाल इसी मामले को लेकर मचा है।