लोगों की हो रही गणना
आइजोल में रहने वाले मैतेई छात्रों का कहना है कि सरकार द्वारा आइजोल से मैतई लोगों को एयरलिफ्ट करने की योजना बनाई गई है। लेकिन कब निकाला जाएगा, इसका डेट नहीं बताया गया है। सुरक्षा की स्थितियों को भांपने के बाद के मैतेई लोगों से अपनी सुरक्षा के लिए मिजोरम छोड़ने का आग्रह किया गया था,उसके बाद मिज़ो स्टूडेंट यूनियन (MSU) ने बड़ा कदम उठाते हुए मिजोरम के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में मैतई छात्रों की जनगणना करने का ऐलान कर दिया।
मैतेई को बिरेन सरकार एयरलिफ्ट करेगी!
उस वीभत्स वीडियो के वायरल होने के बाद आइजोल में रहने वाले मैतेई लोगों पर खतरा मंडरा रहा है और इसलिए मणिपुर की राज्य सरकार आइजोल-इंफाल और आइजोल-सिलचर के बीच चलने वाली स्पेशल ATR फ्लाइट्स के माध्यम से मिजोरम के लोगों को हवाई मार्ग यानिए एयरलिफ्ट करने की योजना बना रही है। खतरा बढ़ने के बाद से मिजोरम के उन शिक्षण संस्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है जहां खतरा की आशंका है।
पूरा मामला जानिए
बता दें कि, अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद पहली बार 3 मई को झड़पें हुई थीं। मेइती समुदाय मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। जनजातीय नागा और कुकी जनसंख्या का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं। राज्य में शांति बहाल करने के लिए करीब 10,000 सेना और असम राइफल्स के जवानों को तैनात किया गया है।
लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद भी कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है, जिस कारण आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब तक इस हिंसा में 140 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और 3000 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। केंद्र की मोदी और राज्य की बिरेन सरकार अब तक इस मसले पर पूरी तरह विफल दिखी है।