वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी इन सब से दो कदम आगे निकल गई। सोमवार को जब अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन हो रहा था, उस वक्त वह कोलकाता में धार्मिक सद्भाव की एक प्रतीकात्मक यात्रा निकाल रही थीं। इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करने के साथ ही बाबरी के गिराई जाने का जिक्र किया।
जब बाबरी गिराई गई तब मैं…
कोलकाता में धार्मिक सद्भाव की एक प्रतीकात्मक यात्रा में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए, ममता ने कहा, “जब बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया गया और हिंसा हो रही थी, तब भी मैं सड़कों पर थी, लोगों से हिंसा न करने की अपील कर रही थी।” इस दौरान उन्होंने मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे जैसे विभिन्न उपासना स्थलों का दौरा किया। बता दें कि माकपा नीत वाम मोर्चा, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सामूहिक रूप से 28 दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा है।निर्दोष लोगों के शवों पर बने मंदिर में पूजा कैसे करें- सीएम ममता
इसके साथ ही कोलकाता में धार्मिक सद्भाव की रैली को संबोधित करते हुए सीएम ममता बनर्जी ने विवादित बयान देते हुए कहा, “हम निर्दोष लोगों के शवों पर बने पूजा स्थल को कैसे स्वीकार कर सकते हैं।”
केवल मंदिर जाना ही पर्याप्त नहीं
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सोमवार को असम में वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान पर जाने से रोके जाने पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी। सीएम ममता ने कहा कि केवल मंदिर जाना ही पर्याप्त नहीं है। उन्होंने भाजपा के खिलाफ अपने सक्रिय व मुखर रुख को रेखांकित करते हुए कहा कि आज कितने नेताओं ने भाजपा से सीधे तौर पर मुकाबला किया? कोई व्यक्ति एक मंदिर में गया और सोचा कि यह पर्याप्त है, लेकिन ऐसा नहीं है। मैं एकमात्र व्यक्ति हूं, जो मंदिर, गुरुद्वारा, चर्च और मस्जिद गई। मैं लंबे समय से लड़ रही हूं ।
कुछ लोग सीट बंटवारे को लेकर हमारी बात नहीं सुनना चाहते
रैली के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि मैं इस बात पर जोर देती हूं कि कुछ विशेष क्षेत्रों को क्षेत्रीय दलों के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए। वे (कांग्रेस) अकेले 300 (लोकसभा) सीट पर लड़ सकते हैं और मैं उनकी मदद करूंगी। मैं उन सीट पर चुनाव नहीं लड़ूंगी लेकिन वे अपनी बात पर अड़े हुए हैं। मेरे पास भाजपा से मुकाबला करने और उनके खिलाफ लड़ने की ताकत और जनाधार है। लेकिन कुछ लोग सीट बंटवारे को लेकर हमारी बात नहीं सुनना चाहते। अगर आप भाजपा से नहीं लड़ना चाहते तो कम से कम उसके खाते में सीट तो मत जाने दें।