लोकसभा चुनाव 2024 में अक्ब 6 महीने का वक्त बचा हुआ है। ऐसे में सभी पार्टियां अभी से चुनाव को लेकर अपनी तैयारीयां शुरु कर दी है। खबर है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आने वाले लोकसभा चुनाव में अपने कई तृणमूल कांग्रेस सांसदों का टिकट काट सकती हैं। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि पार्टी प्रमुख ने अपने सांसदों को लेकर एक सर्वे कराया है और इस सर्वे में कई सांसदों के खिलाफ निगेटीव रिपोर्ट आया है।
हालांकि पार्टी आलाकमान ने इस मसले से निपटने के लिए एक खास प्लान बनाया है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी इस बार टिकट देने से पहले क्षेत्र के लोगों से अपने नेताओं के बारे में राय लेगी। अगर नेता लोगों के नजर में अपने लिए जगह बना पाते है तभी पार्टी उनको टिकट देगी।
सांसदों के लिए बनाया गया खास नियम
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी ने अपने सांसदों के लिए एक खास प्लान बनाया है। प्लान के मुताबिक चुनाव में टिकट मांगने के दौरान वर्तमान सांसदों को ये बताना होगा कि बतौर सांसद उस नेता ने अपने क्षेत्र में कितना समय बिताया। लोग उसके काम से कितना खुश हैं, जरुरत के समय वह वहां मौजूद रहें कि नहीं रहें। लोगों में पार्टी की योजनाएं पहुचाने में कितना सफल रहें।
इसके अलावा पार्टी आलाकमान ये भी देखेगा कि जिस सीट से पार्टी नेता सांसद बना है, उसने वहां की जनता को कितना समय दिया है। ऐसे में पार्टी के कुछ सेलिब्रिटी सांसदों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
जनता ने पुचकारा तभी मिलेगा टिकट
रिपोर्ट के मुताबिक, ममता बनर्जी अपनी पार्टी से उन्हीं मौजूदा सांसदों को दोबारा टिकट देंगी जिनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा होगा। सूत्रों ने कहा कि नेताओं का जनता के साथ बर्ताव कैसा रहा, इसे भी अच्छे ढंग से परखा जाएगा। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि उन्होंने अपने मतदाताओं को किस तरह की मदद दी है। यब सब पता लगाने के लिए अलग से टीम भेजी जा सकती है। साथ ही स्थानीय स्तर पर लोगों से सीधा संवाद भी किया जा सकता है।
भ्रष्टाचारियों को टिकट देने से बचेगी पार्टी
हाल ही में कई तृणमूल कांग्रेस के कई सीनियर नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। इन लीडर्स की गिरफ्तारी के बाद पार्टी करप्शन के आरोपों से जूझ रही है। इस तरह आगे से उम्मीदवारों के चयन में साफ छवि एक बड़ा फैक्टर होने वाला है। अगर कोई सांसद भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है, तो पार्टी आलाकमान उन्हें टिकट देने से इनकार कर सकता है। टीएमसी इस बार मतदाताओं के सामने भ्रष्टाचार मुक्त छवि पेश करने की कोशिश कर रही है।
BJP को रोकने के लिए खास तैयारी
2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की राह पर चलते हुए पार्टी ने कई सीटों पर कई उम्मीदवारों को बदला था। ऐसे में इस बार भी यह बदलाव देखने को मिल सकता है। तृणमूल को भाजपा से कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है। इसलिए सीएम ममता यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि भगवा पार्टी 2019 के अपने प्रदर्शन को न दोहरा सके। बता दें कि 2019 के आम चुनाव में भाजपा ने ममता बनर्जी की पार्टी को राज्य में काफी जोरदार झटका दिया था।