खड़गे को अध्यक्ष बनाने के मायने
खड़गे देश के बड़े दलित नेता होने के साथ गैर विवादित हैं। भाजपा पीएम मोदी को पिछड़ा और ओबीसी बताकर विपक्ष पर भारी पड़ती रही है। इसकी काट के रूप में विपक्ष खरगे को आगे करने की रणनीति पर चल रहा है। खरगे पर भाजपा नेता राहुल गांधी की तरह तीखा हमला भी नहीं कर पाते हैं। इसके अतिरिक्त, इससे विपक्ष संविधान और लोकतंत्र बचाने की लड़ाई का नैरेटिव सेट कर सकती है। गौरतलब है कि पिछली बैठक में ममता बनर्जी ने खरगे को पीएम पद का चेहरा बनाने का प्रस्ताव रखा था।
ममता-अखिलेश-उद्धव रहे दूर
इंडिया गठबंधन की शनिवार को आयोजित वर्चुअल बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, शिवसेना (उद्धव) प्रमुख उद्धव ठाकरे, सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत कई अन्य दलों के नेता शामिल नहीं हुए। सूत्रों का कहना है कि टीएमसी, सपा और शिवसेना का बैठक से दूर रहने की वजह आपसी मतभेद है। जहां टीएमसी बंगाल में सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस के खिलाफ मुखर है, वहीं ममता बनर्जी नीतीश को संयोजक बनाने के खिलाफ हैं। इसी तरह सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी बसपा के साथ कांग्रेस की गठबंधन की कोशिश से नाराज हैं। शिवसेना (उद्धव) महाराष्ट्र में सबसे अधिक सीट लेना चाहती है।
सीट शेयरिंग पर फैसला शीघ्रः पवार
बैठक के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि हम सभी जल्द से जल्द सीट शेयरिंग पर फैसला लेंगे। कुछ लोगों ने सुझाव दिया कि गठबंधन का नेतृत्व मल्लिकार्जुन खरगे को करना चाहिए। इस पर सभी सहमत हुए। हमने आने वाले दिनों में योजना बनाने के लिए एक समिति भी बनाई। बैठक में नीतीश कुमार को संयोजक के रूप में जिम्मेदारी लेने का सुझाव दिया, लेकिन उनकी राय है कि जो पहले से ही प्रभारी है, उसे बने रहना चाहिए। चुनाव के बाद अगर बहुमत मिलता है तो हम देश को बेहतर विकल्प दे पाएंगे।
केजरीवाल की खरगे-राहुल के साथ बैठक
वर्चुअल बैठक के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से मुलाकात की। ऐसा माना जा रहा है कि आप और कांग्रेस में सीट शेयरिंग को लेकर सहमति बन गई है। यदि ऐसा है तो गठबंधन की एक बड़ी अड़चन खत्म हो सकती है क्योंकि, दिल्ली और पंजाब में आप और कांग्रेस एक-दूसरे के धुर विरोधी रहे हैं।
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