झारखंड मुक्ति मोर्चा के उपाध्यक्ष चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बने अभी ठीक से 1 दिन भी नहीं हुआ है उससे पहले उनकी सरकार के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। दरअसल, झामुमो के 4 विधायक पार्टी से नाराज चल रहे हैं और किसी भी वक्त पार्टी छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं।
बता दें कि इन 4 विधायकों में से लोबिन हेम्ब्रम ने मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का विरोध करते हुए कहा है कि शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन संथाल परगना से जीत कर गए थे और मुख्यमंत्री बने पर आज ऐसा दिन देखना पड़ रहा है कि कोल्हान से जीते हुए चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है। क्या संथाल परगना में आदिवासी नेता नही हैं? खुशी होती कि संथाल मुख्यमंत्री होता,पर इन्होंने दुखी किया। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी छोड़ने का भी ऐलान कर दिया।
झामुमो के 4 विधायक बिगाड़ेंगे खेल
सूत्रों के मुताबिक चंपई सोरेन को सीएम बनाने से जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम इस कदर नाराज हैं कि वो पार्टी छोड़ने का प्लान कर चुके हैं तो विधायक चमरा लिंडा भी पार्टी के फैसले से नाराज चल रहे हैं। वहीं, शिबू सोरेन की बड़ी बहू और झामुमो विधायक सीता सोरेन पहले दिन से पार्टी के फैसले से नाराज चल रही है और बताया जा रहा है कि वह पार्टी छोड़ सकती है। वहीं, उनके समर्थक विधायक बसंत सोरेन भी पार्टी छोड़ने पर विचार कर रहे हैं।
नई पार्टी बना सकते हैं बागी विधायक
रांची की राजनीति पर जानकारी रखने वाले बताते है कि पार्टी से नाराज चल रहे चारों विधायक जल्द ही झामुमो का साथ छोड़ सकते है। इसके साथ वह किसी दल में जाने से बचते हुए अपनी खुद की झारखंड बचाओ पार्टी बना सकते हैं।
सीएम बनते ही हैदराबाद शिफ्ट हुए विधायक
शुक्रवार को चंपई सोरेन की शपथ के दौरान ही, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के ज्यादातर विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट करने की तैयारी शुरू हो गई। तो शाम तक गठबंधन सरकार के करीब 40 विधायक हैदराबाद शिफ्ट कर दिए गए। तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए हैदराबाद में झारखंड के विधायकों के ठहरने के लिए शानदार इंतजाम किया गया है।
हैदराबाद एयरपोर्ट से विधायकों को लक्जरी बसों में बिठाकर लियोनिया रिसॉर्ट ले जाया गया। इस दौरान पूरे रास्ते में पुलिस तैनात थी। हैदराबाद में झारखंड के विधायकों को हाई सिक्योरिटी में रखा गया है। हर MLA के साथ 2-2 जवान तैनात किए गए हैं।
10 दिन में साबित करना है बहुमत
झारखंड से हैदराबाद शिफ्ट किए गए विधायकों को 5 फरवरी को वापस रांची लाया जाएगा। उसी दिन चंपई सरकार को फ्लोर पर बहुमत साबित करना है। इसके लिए 5 और 6 फरवरी को विधानसभा का स्पेशल सेशन बुलाया गया है।